नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश साम्प्रदायिक हिंसा की 247 घटनाओं के साथ 2013 में हुए दंगों के सिलसिले में राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है और 2014 की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है. उत्तर प्रदेश में पिछले साल साम्प्रदायिक हिंसा में 77 लोगों की जानें गई.
वहीं, इस साल के आंकडे केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अभी संकलित किए जाने बाकी हैं पर एक अनुमान के मुताबिक इस साल साम्प्रदायिक हिंसा की संख्या करीब 65 है जिनमें कम से कम 15 लोगों की जानें गई हैं.
सहारनपुर में अभी तक तीन लोग मारे गए हैं जबकि 33 अन्य घायल हुए हैं. वहां शनिवार को दो सम्प्रदायों के बीच झडप शुरु हुई थी. पिछले साल अगस्त-सितंबर के दौरान मुजफ्फरनगर और इससे लगे इलाकों में हुए दंगों में 60 से अधिक जानें गई थी. उस वक्त हुई साम्प्रदायिक हिंसा में 90 से अधिक लोग घायल हुए थे और 50,000 से अधिक लोगों को पलायन करना पडा था.
वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश में इन घटनाओं में 360 लोग घायल हुए थे, जो शेष राज्यों से अधिक है. राज्य में 2012 में 118 साम्प्रदायिक घटनाएं हुई जिनमें 39 लोग मारे गए जबकि 500 घायल हुए थे.पिछले साल 88 साम्प्रदायिक घटनाओं के साथ महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है. इसके बाद मध्य प्रदेश (84), कर्नाटक (73), गुजरात (68), बिहार (63) और राजस्थान (52) का स्थान है.
देश भर में पिछले साल ऐसी कुल 823 घटनाएं दर्ज की गई. कुल 133 लोग मारे गए और इन घटनाओं में 2,269 लोग घायल हुए. इन घटनाओं में 12 लोग महाराष्ट्र में मारे गए, जबकि इस अवधि में 11 लोग मध्य प्रदेश में मारे गए.इस साल अप्रैल-जून के बीच सर्वाधिक संख्या में साम्प्रदायिक हिंसा उत्तर प्रदेश (32) में दर्ज की गई, इसके बाद महाराष्ट्र (26), राजस्थान (18) और मध्य प्रदेश (17) का स्थान है. इस साल अप्रैल-जून के दौरान देश भर में कुल 149 घटनाएं दर्ज की गई.