मुंबई:शिवसेना ने कर्नाटक के मराठी बहुल क्षेत्र के लिये मांग की है कि इसक्षेत्र को केंद्र शासित क्षेत्र घोषित किया जाये. गौरतलब है कर्नाटक के येल्लुर में मराठी भाषी लोगों के खिलाफ पुलिस ने दमनात्मक कार्रवाई की.
येल्लुर में मराठी भाषी लोगों द्वारा महाराष्ट्र राज्य की पट्टिका फिर से लगाने के बाद जिला प्रशासन ने उसे हटा दिया और पुलिस ने महाराष्ट्र समर्थक लोगों के एक समूह पर लाठीचार्ज किया जिसके जवाब में समर्थकों ने उन पर पथराव किया.महाराष्ट्र समर्थक लोगों ने शनिवार को येल्लुर में विवादास्पद साइनबोर्ड को फिर से लगा दिया था जबकि शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग ने उच्च न्यायालय के आदेश पर पहले के बोर्ड को ध्वस्त कर दिया था.
इससे पहले शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में बेलगाम जिले के येल्लुर में कल पुलिस कार्रवाई को आतंकवाद बताया गया और केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग की गई.संपादकीय में लिखा गया है, मोदी के रुप में हमारे पास मजबूत प्रधानमंत्री और राजनाथ सिंह के रुप में मजबूत गृहमंत्री है.सीमावर्ती इलाकों में मराठी भाषी लोगों को उनसे काफी उम्मीदें हैं.
इसमें लिखा गया है, अगर कर्नाटक की पुलिस मराठी भाषी लोगों के खिलाफ आतंकी कार्रवाई में संलिप्त है तो यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि आतंकवाद को खत्म करें. हम केंद्र सरकार से यह अपील करते हैं क्योंकि महाराष्ट्र में शासन करने वाले
जब भाजपा के येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे तो वे इस मुद्दे पर आवाज उठाते थे लेकिन अब उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा, हमले एवं भविष्य में इस तरह के हमले को देखते हुए हम केंद्र से आवश्यक कदम उठाने को कहेंगे. मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने इसकी जिम्मेदारी नरेन्द्र मोदी सरकार पर मढ दी.
उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मुद्दे पर केंद्र चुप है. केंद्र में भाजपा का बहुमत है. भाजपा सांसदों को सीमावर्ती इलाकों में मराठी भाषी लोगों की भावनाओं पर बोलना चाहिए उन्होंने कहा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण इस मामले को लेकर गंभीर नहीं हैं मनसे प्रमुख ने कहा, जब राज ठाकरे कुछ बोलता है सब उस पर टूट पडते हैं लेकिन कर्नाटक में जब इस तरह की बात होती है तो कोई नहीं बोलता