हैदराबाद: तेलंगाना के मेडक जिले के सड़क हादसे मामलें में स्कूल बस के ट्रेन की चपेट में आ जाने से कई परिवारों ने अपने बच्चों को खो दिया था. लेकिन इनमें से ही एक गमगीन परिवार को अचानक से तब खुशियों का खजाना मिल गया. जब उन्हें यह पता चला कि उनका बेटा मरा नहीं, बल्कि जिंदा है. लेकिन इसमें एक ओर जहां एक परिवार को खुशी मिली वहीं दूसरे परिवार के लिए यह खबर मातम का कारण बन गया.
छह साल के दर्शन गौड के लिए फिर से जिंदा होने जैसा आभास है क्योंकि गलत पहचान के कारण एक मृत बच्चे का शव दर्शन के पिता के अपने साथ यह सोचकर घर ले गए थे कि वह उनका बेटा है.जब पूरा परिवार मातम में डूबा था जब दर्शन को यहां के अस्पताल में होश आया और उसने आंख खुलते ही अपने पिता का नाम लिया. इस बच्चे के मां-बाप को सूचना दी गई कि उनका चिराग जिंदा है और उसका उपचार चल रहा है.
अस्पताल पहुंचने के बाद आज दर्शन के पिता स्वामी गौड़ अपने बेटे से भावुक अंदाज में मिले.दिलचस्प बात यह है कि आज दर्शन का जन्मदिन भी है और पिता ने अपने बेटे इस यादगार जन्मदिन की बधाई भी दी. स्वामी गौड ने बतीया कि उनके बेटे का नाम दर्शन गौड़ है और वे उसे प्यार से धनुष बुलाते हैं.
इस मामले पर तेलंगाना के सिंचाई मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि शव को लेकर कुछ गलतफमी हो गई थी. गलतफहमी में स्वामी गौड अपने साथ एक दूसरे बच्चे का शव लेकर घर चले गए थे. यह गलती अब सुधरी है. वह दत्तू नामक बच्चे का शव अपने साथ लेकर चले गए थे.
स्वामी गौड के परिवार का मातम भले ही खुशी में बदल गया, लेकिन दत्तू के परिवार के घर का माहौल और गमगीन हो गया क्योंकि परिवार पहले ही उसकी बहन की मौत के गम में डूबा में था. तेलंगाना के स्कूली बस हादसे में दत्तू और उसकी बडी बहन की मौत हो गई. दत्तू के पिता वीरा बाबू अपनी बेटी का शव घर ले गए और यह मान रहे थे कि उनका बेटा जिंदा है और उसका उपचार चल रहा है.