15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

जहां नहीं पहुंच पाया दुनिया का कोई देश, चांद के उस हिस्से पर उतरेगा अपना चंद्रयान-2

चंद्रयान-2 दुनिया का पहला ऐसा यान होगा, जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा. अब से कुछ घंटों के बाद यानी सोमवार दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर उड़ान भरेगा. भारत का चंद्रयान -2 श्रीहरिकोटा से लॉन्च होने के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब लैंडिग करेगा. इस जगह पर इससे पहले किसी भी […]

चंद्रयान-2 दुनिया का पहला ऐसा यान होगा, जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा. अब से कुछ घंटों के बाद यानी सोमवार दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर उड़ान भरेगा. भारत का चंद्रयान -2 श्रीहरिकोटा से लॉन्च होने के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब लैंडिग करेगा. इस जगह पर इससे पहले किसी भी देश का कोई यान नहीं पहुंचा है.

चांद को फतह कर चुके अमेरिका, रूस और चीन ने अभी तक इस जगह पर कदम नहीं रखा है. भारत के चंद्रयान-1 मिशन के दौरान साउथ पोल में बर्फ के बारे में पता चला था. तभी से चांद के इस हिस्से के प्रति दुनिया के देशों की रूचि जगी है. चंद्रयान2 विक्रम लैंडर के अलग हो जाने के बाद, यह एक ऐसे क्षेत्र की ओर बढ़ेगा जिसके बारे में अब तक बहुत कम खोजबीन हुई है.

ज्यादातर चंद्रयानों की लैंडिंग उत्तरी गोलार्ध (North pole) में या भूमध्यरेखीय क्षेत्र में हुई हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से एक अधिकारी ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब स्थान चुनने के बारे में बताया कि इस बार हम एक ऐसे स्थान पर जा रहे हैं जहां पहले कोई नहीं गया है. इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 चांद के भौगोलिक वातावरण, खनिज तत्वों, उसके वायुमंडल की बाहरी परत और पानी की उपलब्धता की जानकारी एकत्र करेगा.

ऐसे में माना जा रहा है कि भारत मिशन मून के जरिए दूसरे देशों पर बढ़त हासिल कर लेगा. कहा जा रहा है कि चंद्रयान-2 के जरिए भारत एक ऐसे अनमोल खजाने की खोज कर सकता है जिससे न केवल अगले करीब 500 साल तक इंसानी ऊर्जा जरूरतें पूरी की जा सकती हैं बल्कि खरबों डॉलर की कमाई भी हो सकती है. चांद से मिलने वाली यह ऊर्जा न केवल सुरक्षित होगी बल्कि तेल, कोयले और परमाणु कचरे से होने वाले प्रदूषण से मुक्त होगी.

मिशन चंद्रयान-2 में भारत के लिए चुनौतियां भी कम नहीं हैं. भारत पहली बार चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. चांद पर लैंडिंग करते ही भारत ऐसा करने वाले अमेरिका, रूस और चीन के साथ चौथा देश हो जाएगा.
बता दें कि भारत पहले 15 जुलाई को चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग करने वाला था, लेकिन क्रॉयोजेनिक इंजन में लीकेज के कारण इसे आज तक के लिए रोक दिया गया था. इसरो चीफ के सिवन ने भी कहा है कि लैंडिंग से 15 मिनट पहले का वक्त काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा. उन्होंने कहा कि ये 15 मिनट काफी तनावपूर्ण होंगे क्योंकि इसरो पहली बार चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel