नयी दिल्लीः राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को लेकर सरकार और कांग्रेस की ओर से ताजा संकेत मिले हैं कि इसे मॉनसून सत्र में संसद में पेश किया जा सकता है.
संप्रग सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना पर अध्यादेश लाने या संसद का विशेष सत्र बुलाने की संभावना धुंधली होने के बीच सरकार और सत्तारुढ़ दल के सूत्रों ने इस तरह के संदेश दिये हैं. कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक मॉनसून सत्र की अवधि बढ़ाने के प्रयास हो सकते हैं. वहीं एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर रणनीति के बारे में फैसला अगले हफ्ते तक कर लिया जाएगा.
इस बीच खाद्य मंत्री के वी थॉमस ने आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. इस परियोजना के तहत देश की 67 प्रतिशत आबादी को राशन की दुकानों के माध्यम से 1 से 3 रुपये प्रति किलोग्राम की तय दर पर 5 किलोग्राम खाद्यान्न देने का प्रावधान है.
खाद्य मंत्रालय खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने के लिए अध्यादेश लाने के बहुत ज्यादा पक्ष में नहीं हैं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ विधेयक को संसद में लाने के बारे में सभी संबंधित पक्षों से बातचीत कर रहे हैं.
विधेयक को बजट सत्र में संसद में पेश किया गया था लेकिन लोकसभा की कार्यवाही बाधित होने के चलते इस पर चर्चा नहीं हो सकी.
कृषि मंत्री शरद पवार, ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और कुछ अन्य मंत्रियों ने प्रस्तावित कानून को लागू करने के लिए अध्यादेश का रास्ता अपनाने का विरोध किया है. रमेश ने कहा था, ‘‘अध्यादेश अंतिम चारा होना चाहिए.’’कांग्रेस इस विधेयक को आगामी चुनावों के लिहाज से अपने लिए बहुत महत्वपूर्ण मान रही है.