नयी दिल्लीः अमरनाथ यात्रा आतंकवादियों के निशाने पर है. लोकसभा में गृह मंत्रालय ने इस बात की जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि सुरक्षा के लिहाज से इसकी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों और राज्य स्तर पर दे दी गयी है इस बाबत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किये जा चुके हैं. आतंकी हमेशा से अमरनाथ यात्रा […]
नयी दिल्लीः अमरनाथ यात्रा आतंकवादियों के निशाने पर है. लोकसभा में गृह मंत्रालय ने इस बात की जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि सुरक्षा के लिहाज से इसकी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों और राज्य स्तर पर दे दी गयी है इस बाबत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किये जा चुके हैं. आतंकी हमेशा से अमरनाथ यात्रा पर हमले के फिराक में रहते हैं. राज्य सरकार के साथ- साथ केंद्र सरकार भी अमरनाथ यात्रा को हमेशा से चुनौती के रुप में लेती रही है.
एक तो मौसम ऊपर से आतंकवादियो की धमकी और ऊपर से भक्तों की बढ़ती भीड़ सरकार के लिए हमेशा से चुनौती बढ़ाती रही है. जम्मू कश्मीर सरकार ने राज्य में अमरनाथ यात्रा के पूरे मार्ग को आतंकवादी हमले के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया है और सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
हमले की आशंका की बात मानते हुए सरकार भी अब भारी दबाव में आ गयी है. दूसरी तरफ सरकार के कान इसलिए भी खड़े हैं क्योंकि अनंतनाग जिले में आतंकी घटनाएं बढ़ी भी हैं. सेना की गुप्तचर संस्था के अधिकारी भी इस बात को स्वीकर करते हुए कहते हैं, खतरा सिर्फ अनंतनाग में ही नहीं बल्कि राजौरी पुंछ, जम्मू, डोडा और छोपियां में भी है. इन खतरों को लेकर अधिकारी परेशानी में इसलिए भी हैं क्योंकि पहले ही 8 लाख के करीब श्रद्धालुओं को यात्रा में शामिल होने के लिए न्योता दिया जा चुका है और 2.5 लाख के करीब पंजीकरण भी करवा चुके हैं. हर साल भक्तों की बढ़ती संख्या यात्रा को सफल बनाने में बड़ी चुनौती साबित होती है. हमारा प्रयास होता है कि सुरक्षा की दृष्टि से इस यात्रा में कोई चुक ना रहे.