नयी दिल्ली : सिविल सेवा के उम्मीदवारों की सीसैट परीक्षा को खत्म करने की मांग के बीच आज सरकार ने कहा है कि वह मुद्दे को सहानुभूति, संवेदनशीलता और संजीदगी से देख रही है.
संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्री जितेंद्र सिंह ने विपक्ष पर राज्य सभा में कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया. सरकार राज्यसभा में इस मुद्दे पर दिए गए बयान पर चर्चा करना चाहती थी.
सिंह ने कहा, सरकार ने यूपीएससी परीक्षा मुद्दे पर आज राज्य सभा में बयान दिया. दुर्भाग्य से विपक्ष द्वारा कार्यवाही में बाधा पहुंचाने से बयान चर्चा नहीं हो सकी. मामला पूरी तरह से सरकार के संज्ञान में है. हम मामले को अपनी तरफ से पूरी सहानुभूति, संवेदनशीलता और संजीदगी से देख रहे हैं.
सिविल सेवा परीक्षा में परीक्षा का माध्यम हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को चुनने वाले उम्मीदवारों के साथ संघ लोक सेवा आयोग द्वारा किये जा रहे कथित भेदभाव को लेकर कांग्रेस, राजद और समाजवादी पार्टी ने आलोचना की है.
उम्मीदवार सिविल सेवा एप्टीटियूड टेस्ट :सीसैट: को खत्म करने की मांग को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं और कई हफ्तों की भूख हडताल का सहारा ले रहे हैं. उनका कहना है कि परीक्षा पैटर्न से हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा देने वालों उम्मीदवारों को नुकसान हो रहा है.