नयी दिल्लीः दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी फिर से आंकड़े जुटाने में लग गयी है. बताया जा रहा है कि दिल्ली में बीजेपी के ज्यादतर विधायक सरकार बनाने के पक्ष में हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के छह में से आठ विधायक बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं और इस समर्थन के जरिए बीजेपी दिल्ली में सरकार बना सकती है.
चर्चा यह भी है कि सरकार बनी तो बीजेपी के वरिष्ठ विधायक जगदीश मुखी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. हांलाकि सरकार बनाने या चुनाव में जाने के बारे में अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ही लेंगे.
बुधवार को दिल्ली के नए प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने इसी मुद्दे पर पार्टी विधायकों के साथ बैठक की. लेकिन खुलकर कोई बोलने को तैयार नहीं है. पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे वरिष्ठ विधायक जगदीश मुखी ने बताया कि सरकार के बारे में पार्टी ही तय करेगी.
इस बीच सबकी निगाह कांग्रेस पर है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के 6 से 8 विधायक बीजेपी को समर्थन देने के लिए तैयार हैं. हॉलांकि पार्टी इससे साफ इंकार कर रही है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने कहा कि पार्टी आप या बीजेपी में किसी को समर्थन नहीं देंगी. पार्टी में टूट की खबर पर शर्मा ने कहा कि पार्टी के विधायक एकजुट हैं और एकजुट रहेंगे. पार्टी में टूट की खबर निराधार है. बीजेपी को सरकार बनाने के लिए समर्थन दिए जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
उधर, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर कांग्रेस विधायकों को खरीदने का आरोप लगया है. जबकि बीजेपी नेता विजय जौली ने कहा कि पार्टी विधायकों की खरीद फरोख्त में कतई यकीन नहीं रखती. वह खरीद फरोख्त कर सरकार नहीं बनाना चाहती.
विधानसभा चुनाव को टालने के लिए कुछ कांग्रेस विधायक पार्टी से अलग होकर भाजपा में आ सकते हैं. दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस के आठ विधायक हैं. और उन विधायकों में आपस में गहन मंथन जारी है. सतीश उपाध्याय के दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद और अमित शाह के राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष बन जाने के बाद से यह कयास लगाये जा रहें हैं कि शायद कुछ कांग्रेस विधायक टूट कर भाजपा में शामिल हो जाए.ऐसा माना जा रहा है कि इस सिलसिले में अमित शाह दिल्ली में बीजेपी नेताओं से बात करने वाले हैं.
कांग्रेस ने पार्टी की टूट का किया खंडन
किन्तु यह भी संभावना काफी कम है कि बीजेपी कांग्रेस के विधायकों को तोड पायेगी. गौरतलब है कि कांग्रेस के आठ विधायकों में चार मुस्लिम संप्रदाय से हैं. कई क्षेत्रों में उन्हें भाजपा विरोधी एजेंडे को लेकर भी वोट मिला होगा. ऐसे में अगर वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आते हैं तो हो सकता है आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पडे. दूसरी ओर विधायक हारुन यूसुफ ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि विधायकों के टूटने की खबर बेबुनियाद है. उन्होंने केजरीवाल के आरोप पर भी कहा कि केजरीवाल कब क्या कहते हैं और कब पलटते हैं यह सभी जानते हैं.
भाजपा ने भी जोड-तोड का किया खंडन
दूसरी ओर भाजपा ने भी इस बात का खंडन किया है कि सरकार बनाने को लेकर वह कांग्रेस या आप के टच में है. दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि हम सिर्फ अपने 28 विधायकों के टच में है. और अभी सरकार बनाने की स्थिति में हम नहीं हैं क्योंकि मेरे पास बहुमत नहीं है. जब स्थिति बनेगी तो देखा जाएगा. भाजपा ने भी टूट की खबरों का खंडन किया है.