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कांग्रेस का आरोप, हाफिज वैदिक मुलाकात में पीएमओ सीधे शामिल

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने आज एक भारतीय पत्रकार की मुंबई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद के साथ पाकिस्तान में हुई मुलाकात को लेकर सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय को निशाना बनाया और उसके इसमें शामिल होने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेताओं ने वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक की मुंबई आतंकी हमले के आरोपी हाफिज सईद से हुई […]

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने आज एक भारतीय पत्रकार की मुंबई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद के साथ पाकिस्तान में हुई मुलाकात को लेकर सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय को निशाना बनाया और उसके इसमें शामिल होने का आरोप लगाया.

कांग्रेस नेताओं ने वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक की मुंबई आतंकी हमले के आरोपी हाफिज सईद से हुई मुलाकात के मुद्दे को संसद के अंदर और बाहर उठाया और कहा कि पत्रकार ‘‘संघ परिवार के बहुत करीबी हैं और सरकार के इस तर्क को ठुकरा दिया कि इस मुलाकात से सरकार का कोई लेना देना नहीं है.

कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के चलते यह एक गंभीर मुद्दा है. पीएमओ इसमें सीघे शामिल है. वैदिक उसी विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन से ताल्लुक रखते हैं जिसके तीन सदस्य नृपेन्द्र मिश्र और पी के मिश्र क्रमश: प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव और अतिरिक्त प्रधान सचिव के रुप में और अजित डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रुप में मोदी सरकार के लिए काम कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब चौथे व्यक्ति वैदिक, जिन्होंने फाउंडेशन में काम किया है और जिन्हें हम एक नियमित पत्रकार के बजाय एक स्तम्भकार के रुप में जानते हैं, ने भारत में सर्वाधिक वांछित आतंकवादी और मुंबई आतंकी हमले के आरोपी से मुलाकात की. इससे गंभीर सवाल उठता है. क्या वह प्रधानमंत्री के निर्देश पर सईद से मिलने गये थे. प्रधानमंत्री और सरकार इस बारे में स्थिति साफ करे.’’

राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि किसी पत्रकार की हाफिज सईद से मुलाकात से सरकार का प्रत्यक्ष रुप से या अप्रत्यक्ष रुप से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है. सरकार ने किसी को भी उससे सईद से मिलने के लिए अनुमति नहीं दी है.’’ कांग्रेस ने जेटली के तर्क को ठुकराते हुए कहा कि सिर्फ इस तरह का बयान देने से कुछ नहीं होगा. यह मुद्दा सिर्फ अकेले वैदिक से जुडा नहीं है. पूरी सरकार इसमें शामिल है.

अहमद ने भाजपा के इस आरोप को भी गलत बताया कि कांग्रेस हताशा में इस तरह के मुद्दे उठा रही है क्योंकि उसके पास लोकसभा में विपक्ष का नेता का दर्जा पाने के लिए जरुरी संख्या नहीं है.

एक अन्य कांग्रेसी नेता एवं पूर्व मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि इस तरह की बैठक अधिकारियों की जानकारी के बगैर नहीं हो सकती. इसलिए बुनियादी सवाल उठता है कि क्या सरकार को इसकी जानकारी थी. क्या हमारे विदेश मंत्रालय को कोई रिपोर्ट प्राप्त हुई है.

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