नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका की तरफ से औपचारिक निमंत्रण मिला है. अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने ओबामा द्वारा भेजी गयी औपचारिक चिट्ठी आज प्रधानमंत्री मोदी को सौंपी. मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा का निमंत्रण स्वीकार भी कर लिया है. मोदी सितबंर माह में अमेरिका के दौरे में जाएंगे.
अमेरिका दौरे में भारत-अमेरिका के बीच कौन-कौन से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है इस पर एक नजर-
1. भारत-अमेरिका व्यापार
संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. यह सेवाओं के व्यापार में पहले नंबर पर और उत्पादों के व्यापार में दूसरे नंबर पर है. किन्तु भारतीय संदर्भ में देखा जाय तो भारत का अमेरिका के साथ व्यापार सदैव व्यापार घाटे की स्थिति में रहता है. तात्पर्य है कि भारत अमेरिका से आयात काफी मात्रा में करता है किन्तु यहां से निर्यात काफी कम होता है. संभावना है कि मोदी भारतीय हित में इस मुद्दे पर कुछ चर्चा करेंगे जिससे द्विपक्षीय व्यापार संबंध को मजबूत करते हुए अमेरिका के साथ व्यापार घाटे को भी कम किया जा सके.
2. एच-1बी वीजा मामाला
भारत और अमेरिका के बीच एच-1बी और एल-1बी वीजा को लेकर उठे विवाद पर भी विस्तार से चर्चा होने की संभावना है. विशेष तौर पर पिछले वर्ष उठे इस मुद्दे को लेकर भारत ने अमेरिका से कडी आपत्ति जताई थी. सरकार ने इसे भारतीय आईटी कंपनियों के साथ पक्षपात करने वाला बताया था.
हालांकि अमेरिका सरकार की एक एजेंसी ने इसी साल मार्च में कहा था कि एक अप्रैल से एच-1बी वीजा के लिए आवेदन दे सकते हैं.
3. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी
भारत संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए प्रयत्नशील है. कुछ स्थायी सदस्य देशों ने भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी पर सहमति व्यक्त की है. किन्तु अमेरिका, चीन जैसे देश अभी भी इसके पक्ष में नहीं है. अमेरिका भारत को बिना वीटो के स्थायी सदस्यता का पक्षधर है जो भारत को स्वीकार्य नहीं है. इस वार्ता में मोदी अपनी बातों को सकारात्मक व तर्कसंगत तरीके से रख सकते हैं.
4. अफगानिस्तान में भारत की भूमिका
भारत आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक दृष्टि से अफगानिस्तान का बेहद करीबी और अहम सहयोगी है. अतः अफगानिस्तान के मामले में भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते (बीएसए) पर हस्ताक्षर मुद्दे पर भी अमेरिका के साथ चर्चा की जा सकती है. अफगानी सैन्य बलों को ट्रेनिंग देने व हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने जैसे मुद्दे पर अमेरिका की नाराजगी मामले पर भी चर्चा होने की संभावना है.
5. आतंकवाद
अभी सिर्फ भारत और अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए आतंकवाद एक गंभीर चुनौती है. इसकी पूरी संभावना है कि प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे को ओबामा के साथ जोर शोर से उठाएंगे. पहले तो आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका गंभीर नहीं था किन्तु वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की घटना के बाद से उसे भी वैश्विक आतंकवाद का एहसास हो गया है. मोदी पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे सीमापार आतंकवाद के बारे में भी ओबामा से चर्चा कर सकते हैं.
6. भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग
भारत मौजूदा वैश्विक हालात और चीन के साथ बढ़ते विवाद को देखते हुए अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा कर सकते हैं. आधुनिक सैनिक तकनीकी हासिल करने को लेकर मोदी द्वारा ओबामा से समन्वित समुद्री सुरक्षा कार्यक्रम, संयुक्त सैनिक अभ्यास और रक्षा व्यापार के जरिए भारत अमेरिकी रक्षा सहयोग बढ़ाने की योजना पर चर्चा किये जाने की संभावना है.
7. चीन का भारत पर बढ़ते दबदबे को रोकने की रणनीति
संभावना है कि प्रधानमंत्री मोदी चीन के भारतीय क्षेत्र में बढ़ते घुसपैठ को लेकर अलग से विशेष तौर पर चर्चा करेंगे. क्योंकि चीन ने हाल में हीं भारत के कुछ क्षेत्रों को अपना दिखाते हुए उसपर दावेदारी की कोशिश की थी. और अभी भी उसको लेकर तनाव जारी है. गौरतलब है कि चीन केवल भारत के लिए हीं नहीं बल्कि अमेरिका के लिए भी एक चुनौती है. इसलिए संभावना है कि दोनो नेता इस गंभीर मुद्दे पर बातचीत कर सकते हैं.
8. देवयानी खोबरागड़े मामला
वीजा धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर देवयानी खोबरागड़े पर लगे अभियोग मामले पर चर्चा की जा सकती है. भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े पर अपनी नौकरानी को गैरकानूनी रूप से कम वेतन देने और उसका शोषण करने का आरोप है. इसको लेकर देवयानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया था.
उल्लेखनीय है कि 39 वर्षीय देवयानी को पिछले साल 12 दिसंबर को न्यूयॉर्क में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के समय उनके कपड़े उतारकर उनकी तलाशी लिए जाने के बाद भारत-अमेरिका के रिश्तों में खटास आ गई थी. हालांकि बाद में उन्हें जमानत दे दी गई थी. मामले पर दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद के बाद भारत ने देवयानी को वापस बुला लिया था.