नयी दिल्ली : आज लोकसभा में ट्राई संशोधन विधेयक पेश किया गया. इस विधेयक को पेश करने के पीछे सरकार की मंशा प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र की नियुक्ति को कानूनन सही बनाना है.
मिश्र को मोदी का प्रधान सचिव बनाने की बाधा हटाने वाला विधेयक पेश
इस बिल का विपक्ष ने काफी विरोध किया. इस बिल को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति बन गयी है. गौरतलब है कि नृपेंद्र मिश्र की नियुक्ति एक अध्यादेश के जरिये हुई थी.
नृपेंद्र मिश्र की नियुक्ति में क्या हैं अड़चनें
नृपेंद्र मिश्र वर्ष 2006-2009 तक ट्राई के चेयर रह चुके हैं और ट्राई के नियमों के अनुसार उसके चेयरमैन या सदस्य रह चुके व्यक्ति रिटायरमेंट के बाद किसी सरकारी पद पर नियुक्त नहीं हो सकते हैं. फिर चाहे वह पद राज्य सरकार के अधीन हो या केंद्र सरकार के. इसी बात को लेकर विपक्ष सरकार का विरोध कर रहा है.
अध्यादेश के जरिये हुई थी नियुक्ति
केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद 28 मई को नृपेंद्र मिश्र को प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था.
कौन हैं नृपेंद्र मिश्र
नृपेंद्र मिश्र 1967 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वे वर्ष 2006 से 2009 तक ट्राई के चेयरमैन रह चुके हैं. 69 वर्षीय मिश्र उत्तर प्रदेश के हैं और राजनीति शास्त्र एवं लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर हैं. नृपेंद्र मिश्र कल्याण सिंह के भी सचिव रह चुके हैं.