नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में पिछले वर्ष 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली महिला पुलिस अधिकारी ने आज दिल्ली की एक अदालत को बताया कि इस मामले में पीड़िता के पुरुष मित्र की ओर से बस के बारे में दिया गया ब्यौरा और होटल से लिए गए वीडियो फुटेज समान थे.
महिला अधिकारी ने जोर दिया कि आरोपियों की दलील गलत है कि होटल के सीसीटीवी में कुछ भी स्पष्ट नहीं था. होटल के पास ही सीटीटीवी कैमरे में उस चलती बस का फुटेज दर्ज किया गया जिस बस में 23 वर्षीय युवती से छह र्निमतापूर्वक बलात्कार किया गया. दूसरे दिन जिरह के दौरान जांच का नेतृत्व करने वाले अधिकारी और मामले में मुख्य गवाह ने आरोपियों के उस दावे को खारिज कर दिया कि सीसीटीवी कैमरे से जाड़े की रात में बस का फुटेज लेना असंभव है.
दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार पुलिस थाने में तैनात उप निरीक्षक ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना को बताया कि पीड़िता के पुरुष मित्र की ओर से बस के बारे में दिया गया ब्यौरा और होटल से लिए गए वीडियो फुटेज समान थे.
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने 16 दिसंबर 2012 के सीसीटीवी फुटेज को देखा है और यह कहना गलत है कि जाड़े की धुंध की वजह से सीसीटीवी में कुछ भी स्पष्ट नहीं था.’’