नयी दिल्ली:दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और केरल की मौजूदा राज्यपाल शीला दीक्षित के सरकारी पैसों के प्रयोग को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आयी है. एक आरटीआइ कार्यकर्ता की ओर दाखिल की अरजी के जवाब में दिल्ली पीडब्लूडी विभाग ने यह जानकारी दी है.
दरअसल, आरटीआइ कार्यकर्ता एससी अग्रवाल ने सूचना के अधिकार कानून का प्रयोग करते हुए दिल्ली पीडब्लूडी विभाग से कुछ जानकारियां मांगी थी. इसके जवाब में उन्हें विभाग ने जो जानकारी दी है, उसमें मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान शीला दीक्षित के सरकारी घर में 31 एसी, 15 कूलर और 25 हीटर लगाये जाने की सूचना है.
आरटीआइ कार्यकर्ता एससी अग्रवाल इस मामले से पहले भी आरटीआइ के जरिये कई अहम खुलासे कर चुके हैं. उनकी ही एक आरटीआइ पर दिल्ली हाइकोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि प्रधान न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआइ अधिनियम के दायरे में आता है.इसने यह कह कर सुप्रीम कोर्ट का तर्क खारिज कर दिया था कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता किसी न्यायाधीश का व्यक्तिगत विशेषाधिकार नहीं है, बल्किउस पर जिम्मेदारी होती है.
इस फैसले को प्रधान न्यायाधीश केजी बालकृष्णन के लिए एक झटके के रूप में देखा गया था, जो बार-बार यह कह रहे थे कि उनका कार्यालय पारदर्शिता कानून के दायरे में नहीं आता इसलिए वह इसके तहत न्यायाधीशों की संपत्ति जैसी सूचनाओं का खुलासा नहीं कर सकता.