PSLV C-23 का सफल प्रक्षेपण,नेताओं,मंत्रियों ने ट्वीट कर दी इसरो को बधाई
चेन्नई:पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-23 को लॉंच कर दिया गया है.इसके चार फेज में नजर रखी गई. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी भी मौजूद थे. वे वैज्ञानिकों का उत्साह बढ़ाने पहुंचे. पीएसएलवी के उ़ड़ान भरते हीं उन्होंने ताली बजाकर उनको प्रोत्साहित किया.
Extremely glad to have witnessed the successful launch of PSLV-C23. I congratulate our scientists who have worked tirelessly for the launch.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 30, 2014
Our space programme has overcome many hurdles. At the same time it is one of the most cost effective programmes. This should make us proud.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 30, 2014
We have achieved a lot & we have to go a long way. Continued progress in space must remain our national mission! http://t.co/OwVtfLUSnb
— Narendra Modi (@narendramodi) June 30, 2014
Even today's satellites are from developed nations. Truly, this is a global endorsement of our space capability: PM
— PMO India (@PMOIndia) June 30, 2014
इसरो ने श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से चार अलग-अलग देशों के पांच उपग्रहों का प्रक्षेपण किया. पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-23 ने सुबह 9:52 बजे पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी.
देखें:उड़ान भरता PSLV
इसरो के अधिकारियों ने बताया कि अनुमानित 20 मिनट के बाद इसरो का ‘वर्कहॉर्स’ पीएसएलवी पांचों उपग्रह को एक-एक करके उनकी लक्षित कक्षा में स्थापित करेगा.
I congratulate the scientists. This Sadhna you have done in the lab has the power to change the lives of millions of people: PM
— PMO India (@PMOIndia) June 30, 2014
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रक्षेपण को देखने के लिए रविवार शाम को ही विमान से श्रीहरिकोटा पहुंच गये थे. प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली दक्षिण यात्रा है. इस अवसर पर चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद थे.
देखें:मोदी पहुंचे स्पेस सेंटर
चार विदेशी उपग्रह
अभियान में शामिल छोड़े जानेवाले अंतरिक्ष उपकरणों में मुख्य फ्रांसीसी भू पर्यवेक्षण उपग्रह स्पॉट-7 का वजन 714 किलो है. इसके अलावा पीएसएलवी जर्मनी के 14 किलो वजनी एआइसैट, कनाडा के एनएलएस पॉइंट वन (कैन-एक्स4) और एनएलएस7 पॉइंट टू (कैन-एक्स5) (दोनों का वजन 15 किलो) तथा सिंगापुर के सात किलो वजनी वेलॉक्स-1 को भी इस अभियान के तहत पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा.
एनएलएस-7 प्वाइंट वन और एनएलएस-7 प्वाइंट टू को कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय के अंतरिक्ष विज्ञान अध्ययन संस्थान और अंतरिक्ष फ्लाइट प्रयोगशाला ने मिल कर बनाया है. वेलॉक्स-1 को सिंगापुर के नांयंग तकनीकी विवि ने तैयार किया है.
यह एक इमेज सेंसर की संरचना को प्रदर्शित करनेवाला तकनीकी प्रदर्शक है. यह सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक यांत्रिक प्रणाली पर आधारित (एमइएमएस) है. और एक अंतर-उपग्रही रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करनेवाली निर्धारण और नियंत्रण प्रणाली है.