नयी दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा विवादित चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम को रद्द करने की घोषणा किए जाने के एक दिन बाद विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम लागू करने के लिए आज एक प्रस्ताव पारित कर दिया.
इसके तहत 90 में से 8 सदस्यों ने परिषद द्वारा रखे गए प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने ‘‘चर्चा नहीं की.’’ अकादमिक परिषद के सदस्य संजय कुमार ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अकादमिक परिषद ने तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम को लागू करने का प्रस्ताव बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया है.’’
उन्होंने आरोप लगाया कि परिषद ने सदस्यों की राय नहीं ली और महज दो मिनट के अंदर प्रस्ताव पारित कर दिया. अब यह प्रस्ताव कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा जाएगा. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा एफवाईयूपी को वापस लेने के लिए दबाव बनाए जाने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय ने कल चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम को रद्द करने का फैसला किया.
कुलपति दिनेश सिंह ने कल एक बयान जारी कर विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यों से कहा है कि वे तीन वर्षीय प्रारुप के अनुरुप नए सत्र में प्रवेश देना शुरु करें. एफवाईयूपी पर डीयू और यूजीसी के बीच की तनातनी के कारण सत्र 2014-15 के लिए प्रवेश की प्रक्रिया पर छाई अनिश्चितता इस फैसले के बाद समाप्त हो गई है. 2.7 लाख से ज्यादा छात्रों ने विश्वविद्यालय के 64 कॉलेजों की 54 हजार से ज्यादा सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन किया है.