नयी दिल्ली: प्राकृतिक गैस की कीमत समीक्षा को लेकर शीर्ष स्तर पर आज दूसरे दिन भी गहन बातचीत जारी रही. सरकार गैस कीमत में ऐसी वृद्धि करना चाहती है जो सबको स्वीकार्य हो और उससे उत्पादन कार्य को भी बढावा मिले, पर उपभोक्ताओं पर ज्यादा बोझ भी नहीं पडे.
रंगराजन समिति के फार्मूले में बदलाव पर चर्चा को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली तथा पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान आज फिर प्रधानमंत्री कार्यालय में थे. दोनों ने कल इसी मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. रंगराजन समिति के फार्मूले के अनुसार गैस की कीमत बढकर 8.8 डालर प्रति यूनिट हो जाएगी जो फिलहाल 4.2 डालर है.
सूत्रों ने कहा कि नई सरकार पूर्व संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन :संप्रग: सरकार द्वारा मंजूर रंगराजन कीमत फामरूले में कुछ बदलाव पर विचार कर रही है. समिति के फार्मूले के अनुसार गैस के दाम निर्धारित होने से बिजली, यूरिया, सीएनजी तथा पाइप के जरिये घरों में जाने वाली रसोई गैस के दाम में तीव्र वृद्धि होगी.
नई सरकार जल्दी फैसला लेना चाहती है लेकिन वह यह नहीं चाहती है कि पहले से उंची मुद्रास्फीति को और हवा मिले. वैसे भी मानसून सामान्य से कम रहने तथा इराक में हिंसा के कारण कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण कीमत बढ सकती है.
विशेषज्ञों के अनुसार गैस की दर में प्रति डालर की वृद्धि से यूरिया उत्पादन लागत प्रति टन 1,370 रुपये बढ जाएगी. इसी तरह बिजली की उत्पादन लागत पर प्रति यूनिट 45 पैसे का असर पडेगा और सीएनजी 2.81 रुपये किलो तथा पाइप वाली रसोई गैस 1.89 रुपये प्रति घन मीटर महंगी हो जाएगी.