नयी दिल्ली : जिस नरेंद्र मोदी को अमेरिका इसलिए वीजा नहीं दे रहा था वे मुसलमानों की सामूहिक हत्या में शामिल थे, वही अमेरिका अब इस बात की योजना बना रहा है कि नरेंद्र मोदी जब सितंबर में अमेरिका जायें, तो वे अमेरिकन कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे.
प्रतिनिधि सभा में विदेश मामलों की समिति के रिपब्लिकन अध्यक्ष एड रोएस ने सदन के अध्यक्ष जॉन बोएनर को पत्र लिखकर मोदी को सितंबर में उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान उन्हें प्रतिनिधि सभा तथा सीनेट के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए आमंत्रित करने का सुझाव दिया है. अमेरिका का मानना है कि दक्षिण एशिया में एक अच्छे पार्टनर की अमेरिका को जरूरत है, इसलिए उसे भारत के साथ की जरूरत है.
वर्ष 2005 में जब अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश थे, उस वक्त नरेंद्र मोदी को यह कहते हुए वीजा नहीं दिया गया था कि अमेरिका का कानून ऐसे व्यक्ति को अपने देश में प्रवेश की अनुमति नहीं देगा जो धर्म को आधार बनाकर लोगों के बीच भेदभाव करता हो और कई लोगों की मौत का कारण बना हो. हालांकि नरेंद्र मोदी को सुप्रीम कोर्ट ने आरोपों पर क्लीन चिट दे दी है.
नरेंद्र मोदी ने को लोकसभा चुनाव में जीत मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बधाई दी और उन्हें अमेरिका आने का निमंत्रण भी दिया था. अमेरिका इस बात को भली-भांति जानता है कि अगर उसे चीन की चुनौतियों का सामना करना है, तो उसे भारत के साथ संबंध सुधारने होंगे. इसी बात को ध्यान में रखते हुए अमेरिका भारत के साथ संबंधों को सुधारने के प्रति जागरूक है