नयी दिल्लीः दिल्ली में सरकार गठन को लेकर जोड़ तोड़ की राजनीति शुरु हो चुकी है. भाजपा के प्रदेश प्रभारी प्रकाश झा सात दिनों के अंदर दिल्ली में भाजपा की सरकार गठन का दावा करते है, तो दूसरी ओर वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी दिल्ली में सरकार गठन की खबरों को खारिज कर रहे हैं. कांग्रेस और आप वेट एंड वांच की मुद्रा में है .दिल्ली में सरकार गठन को लेकर किसी राजनीतिक दल ने अबतक अपना रुख साफ नहीं किया है.
भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद उत्साहित है, तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव के मुड में नजर नहीं आती. दिल्ली में भाजपा के प्रभारी प्रकाश झा सरकार बनाने के दावा कर रहे हैं. दिल्ली के कई नेता सरकार बनाने के पक्ष में है उन्होंने बताया कि आप के कई नेता उनके संपर्क में है और मिलकर सरकार बनाने के लिए राजी है. दूसरी ओर आप के कई नेता भाजपा पर आरोप लगा रहे है कि भाजपा उन्हें लालच देने की कोशिश कर रही है हमें तोड़ने की कोशिश की जा रही है. सरकार बनाने को लेकर कई विधायक अपने विचार जाहिर कर रहे हैंनिर्दलीय विधायक रामबीर शौकीन ने कहा कि अगर भाजपा सरकार बनाने का दावा करती है तो वह पूरा समर्थन देंगे.लेकिन, जदयू विधायक शोएब इकबाल ने कहा है कि कांग्रेस और आप को मिलकर सरकार बनाना चाहिए,
दिल्ली विधानसभा का गणित कुछ इस तरह का है कि तीन विधायकों के सांसद बन जाने के बाद अब भाजपा के पास 29 विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी को दिल्ली फतेह के लिए 4 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी, ताकि बहुमत का आंकड़ा (34) छुआ जा सके.
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस और आप दिल्ली में सरकार गठन की योजना बना रही थी लेकिन दोनों ही पार्टियों में नेताओं के वैचारिक मतभेद के कारण इस पर फैसला नहीं हो सका . हालांकि दोनों पार्टियों ने सरकार गठन की खबरों से इनकार किया. कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भी आप को समर्थन देने से साफ इनकार कर दिया तो दूसरी ओर आप ने भी प्रेस कॉन्फ्रेस करके सरकार गठन की खबरों को गलत बताया.
दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी यह तो वक्त के साथ ही साफ होगा लेकिन इस पूरे जोड़ तोड़ से नुकसान कांग्रेस और आप को ही होगा. आप के कई विधायक पार्टी के रुख से नाराज है तो कांग्रेस के कई नेता को डर सता रहा है कि अगर चुनाव हुआ तो इस बार उनके लिए सीट बचाना मुश्किल हो जायेगा.