नयी दिल्ली: ‘‘आगे बढने के लिए लडाई नहीं पढाई’’ और ‘‘हिंसा में बरकत ना होती भाई’’ जैसी थीम पर सरकार जल्द ही माओवादियों के खिलाफ आडियो वीडियो अभियान शुरु करेगी और इसके जरिए कोशिश होगी कि भाकपा-माओवादी के सशस्त्र आंदोलन से आदिवासियों को अलग किया जा सके. चार गीत आकाशवाणी और ‘कम्युनिटी रेडियो’ के जरिए प्रसारित किये जाएंगे जबकि चार वीडियो प्रोजेक्टर के जरिए दिखाये जाएंगे.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नक्सल हिंसा प्रभावित नौ राज्यों में तैनात केंद्रीय बल प्रोजेक्टर के जरिए आदिवासियों और गांव वालों को ये वीडियो दिखाएंगे. कोशिश होगी कि ये जागरुकता अभियान अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके. गीतों और वीडियो के जरिए सरकार ग्रामीण आबादी विशेषकर आदिवासियों को हिंसा और सशस्त्र आंदोलन के बुरे प्रभावों से अवगत कराएगी और उन्हें शिक्षा एवं विकास के महत्व को समझाएगी.
अधिकारी ने बताया कि वीडियो छह भाषाओं हिन्दी, गोंदी, हलबी, नागपुरिया, तेलुगू और उडिया में बनाये गये हैं. चारों वीडियो चार से 10 मिनट अवधि के हैं. यह पूछने पर कि ये आडियो वीडियो कब से दिखाना शुरु किये जाएंगे, अधिकारी ने बताया कि अगले महीने की शुरुआत से ये अभियान शुरु हो जाएगा.
माओवादी हिंसा से प्रभावित गांवों में रह रहे लोगों को उग्रवादियों के हिंसक आंदोलन के दुष्परिणामों के बारे में बताया जाएगा. इन आडियो वीडियो में माओवादी हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों की स्थानीय भाषाओं में भी गीत दिये गये हैं.