नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सीबीआई को आदेश दिया कि वह अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ कार्यवाही पर एक नवंबर तक यथास्थिति बनाये रखे. अस्थाना को सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया है.
न्यायमूर्ति नजमी वजीरी की पीठ ने अस्थाना और सीबीआई के पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार की याचिकाओं पर जवाब दाखिल नहीं करने को लेकर जांच एजेंसी पर सवाल उठाये. दोनों अधिकारियों ने रिश्वतखोरी के एक मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की है. उच्च न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह दोनों अधिकारियों की याचिका पर एक नवंबर या उससे पहले जवाब दाखिल करे. सीबीआई के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि जवाब देने में इसलिए देर हुई क्योंकि केस से जुड़ी फाइलें केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के पास भेजी गयी हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने जवाब दाखिल करने के लिए और वक्त भी मांगा.
मांस कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ दर्ज एक मामले में जांच अधिकारी रहे देवेंद्र कुमार को कारोबारी सतीश सना का बयान दर्ज करने में फर्जीवाड़े के आरोप में 22 अक्तूबर को गिरफ्तार किया गया था. सतीश ने इस मामले में राहत पाने के लिए रिश्वत देने का आरोप लगाया है. उच्च न्यायालय ने 23 अक्तूबर को सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह अस्थाना के खिलाफ शुरू की गयी आपराधिक कार्यवाही पर यथास्थिति बनाये रखे. अस्थाना ने रिश्वतखोरी के आरोपों में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है.