नयी दिल्ली : व्यापार एवं वाणिज्य पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से विश्व को भारत की ताकत से अवगत कराने के लिए उत्प्रेरक एजेंट बनने का आह्वान किया.
प्रधानमंत्री ने यहां भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षु (प्रोबेशनर) अधिकारियों के एक बैच को संबोधित करते हुए कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत को त्रुटि रहित विनिर्माण और पैकिंग तथा प्रस्तुति पर ध्यान देने की आवश्यकता है. भारतीय विदेश सेवा के 2012 बैच के 29 प्रशिक्षु अधिकारियों ने गुरुवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की. मोदी ने भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को विश्व में भारत के प्रतिनिधियों के रूप में उनके चयन पर बधाई देते हुए कहा, चूंकि वे दुनियाभर में अपना कार्य करते हैं इसलिए उनके कार्य में भारत की छवि और आत्म सम्मान प्रतिबिंबित होना चाहिए.
उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि व्यापार और वाणिज्य तथा प्रौधोगिकी हस्तांतरण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. उन्होंने युवा अधिकारियों से कहा कि वे भारत के इतिहास और दुनिया के विभिन्न देशों के साथ इसके ऐतिहासिक संबंधों से अच्छी तरह परिचित रहें. साथ ही वे भारत का गौरव बढ़ाने के लिए प्रवासी भारतीयों को भी प्रेरित करें.
प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों का विश्व में भारत की ताकत को व्यक्त करने वाला उत्पे्ररक एजेंट बनने का आह्वान किया ताकि आपसी लाभ का आदान-प्रदान हो सके. उन्होंने अधिकारियों से निर्यात बढ़ाने के लिए बिना किसी दोष के विनिर्माण और पैकिंग तथा प्रस्तुति पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने हर्बल दवाइयों को हवाला देते हुए कहा कि ये विश्व में सर्वश्रेष्ठ हैं लेकिन घटिया पैकिंग के कारण चीन के उत्पाद से पीछे हैं.
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार भारतीय हस्तशिल्प में भारी विविधता और श्रेणियां उपलब्ध हैं, लेकिन उन्हें ठीक तरह से विश्व में प्रस्तुत नहीं किया जाता है. प्रधानमंत्री निवास पर हुई इस मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित दोवाल, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा और विदेश सचिव सुजाता सिंह भी उपस्थित थीं.