नयी दिल्ली : भीषण गर्मी के साथ दिल्ली में बिजली संकट गहराने के बीच सरकार ने महाराष्ट्र के दाभोल बिजली संयंत्र की प्राकृतिक गैस राष्ट्रीय राजधानी में विद्युत उत्पादन केंद्रों को देने का निर्णय किया है. इसका मकसद 218 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन करने में मदद करना है.
पेट्रोलियम मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की गेल इंडिया लि. ने दाभोल बिजली संयंत्र को आवंटित 9 लाख घन मीटर प्रतिदिन गैस दिल्ली की इकाइयों को स्थानांतरित करने का निर्णय किया है. दाभोल बिजली संयंत्र अभी बंद है.उसने कहा, ‘‘10 लाख घन मीटर प्रतिदिन गैस से 242 मेगावाट बिजली पैदा हो सकती है. ऐसे में 9 लाख घन मीटर प्रतिदिन गैस से 218 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है.’’ पेट्रोलियम मंत्रलय ने प्रस्ताव पर तत्काल कदम उठाया और प्रशासनिक कीमत प्रणाली पर आधारित आवंटित गैस अस्थायी रुप से दिल्ली स्थानांरित करने को मंजूरी दी.
अधिकारी ने कहा, ‘‘दाभोल फिलहाल बिजली का उत्पादन नहीं कर रहा है क्योंकि उसे परिचालन के लिये 14 लाख घन मीटर गैस रोजाना चाहिए. रिलायंस इंडस्टरीज के केजी-डी6 में उत्पादन कम होने के बाद आपूर्ति रोके जाने से संयंत्र को केवल 9 लाख घन मीटर प्रतिदिन गैस मिल रहा है.’’ दिल्ली के बिजलीघरों को 30 लाख घन मीटर गैस प्रतिदिन चाहिए और शेष जरुरत आयातित एलएनजी के जरिये पूरी की जा सकती है. पारा चढने से दिल्ली के कई इलाकों में आपूर्ति की तुलना में मांग बढने से 6 से 8 घंटे बिजली की कटौती हो रही है.