भुवनेश्वर : सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने छत्तीसगढ में 25 मई को हुए नक्सली हमले के बाद बड़े स्तर पर माओवादियों के खिलाफ अभियान शुरु करने के केंद्र के कदम की आलोचना करते हुए आज कहा कि जवाबी हिंसा के बजाए नक्सलियों के साथ बातचीत देश के लिए अधिक लाभप्रद रहेगी.
अग्निवेश ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ माओवादी बातचीत के लिए तैयार हैं. जवाबी हिंसा से छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड में तनाव और बढेगा.’’ अग्निवेश ने कहा कि उन्होंने तिहाड़ जेल में कोबाड गांधी और छत्तीसगढ जेल में सीपीआई (माओवादी) के पोलित ब्यूरो के सदस्य नारायण सान्याल से इस मुद्दे पर बातचीत की है. बहरहाल, वे चाहते हैं कि दोनों पक्ष तीन महीनों के लिए हिंसा रोक दें.
उन्होंने 25 मई को हुए नक्सली हमले की निंदा की जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार माओवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरु करती है तो कई बेकसूर आदिवासी मारे जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं. उन्होंने कहा ‘मैं पुलिस अभियान और माओवादी हमले दोनों की निंदा करता हूं. मैं किसी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करता, चाहे वह माओवादियों की ओर से हो या पुलिस की ओर से हो.’ अग्निवेश ने कहा ‘गोली नहीं बल्कि बोली समस्या का हल कर सकती है.