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राष्ट्रपति ने अभिभाषण में कहा, बढ़ती कीमतों पर लगायेंगे लगाम

नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भारत संघीय व्यवस्था वाला देश है परंतु काफी वर्षोंसे इसकी संघीय भावना को कमजोर किया गया है.संसद के दोनों सदनों की केंद्रीय कक्ष में संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘राज्यों और केंद्र को सामंजस्यपूर्ण टीम इंडिया के रुप में काम करना चाहिए. […]

नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भारत संघीय व्यवस्था वाला देश है परंतु काफी वर्षोंसे इसकी संघीय भावना को कमजोर किया गया है.संसद के दोनों सदनों की केंद्रीय कक्ष में संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘राज्यों और केंद्र को सामंजस्यपूर्ण टीम इंडिया के रुप में काम करना चाहिए. राष्ट्रीय मुद्दों पर राज्यों के साथ सक्रियता से कार्य करने के लिए मेरी सरकार राष्ट्रीय विकास परिषद, अंतर राज्यीय परिषद जैसे मंचों को पुन: सशक्त बनाएगी.’’

उन्होंने कहा कि केंद्र, सहकारी संघवाद के जरिए राज्यों की त्वरित प्रगति में सहायक बनेगा और तटीय, पर्वतीय और रेगिस्तानी राज्यों की विशेष आवश्यकताओं और अलग तरह की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य निर्दिष्ट विकास प्रारुप विकसित किये जाएंगे.

दुर्भाग्य कि आजादी के इतने दशकों बाद भी अल्पसंख्यक गरीबी से पीड़ित : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने कहा कि देश के पूर्वी भागों को भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे के संदर्भ में पश्चिमी भागों के बराबर लाने को उच्चतम प्राथमिकता दी जाएगी.उन्होंने कहा कि सरकार आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के विकास संबंधी मुद्दों का समाधान करेगी. मुखर्जी ने कहा कि इसके साथ ही सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र और जम्मू कश्मीर में ‘इन्ट्रा रीजन कनेक्टिविटी’ और ‘सीमावर्ती बुनियादी ढांचे’ को सुधारने पर विशेष जोर देगी.

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में घुसपैठ और गैर कानूनी प्रवासियों के मुद्दे को प्राथमिकता से निपटाया जाएगा तथा पूर्वोत्तर सीमा पर बाड लगाने के रुके संपूर्ण कार्य को शीघ्र पूरा किया जाएगा. मुखर्जी ने कहा कि ये सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किये जाएंगे कि कश्मीरी पंडित अपने पूर्वजों की भूमि पर पूर्ण गरिमा, सुरक्षा और सुनिश्चित जीविका के साथ लौटें.

वर्ष 2014 को विगत वर्षों की विभाजनकारी और टकराव की राजनीति से राहत देने वाला वर्ष बताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि वह अपने साथी नागरिकों के विवेक की सराहना करते हैं, जिन्होंने ऐसे उदीयमान भारत में स्थिरता, ईमानदारी और विकास के लिए मत दिया, जिसमें भ्रष्टाचार का कोई स्थान न हो.

महिलाओं को 33 आरक्षण देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : राष्ट्रपति

मुखर्जी ने केंद्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, देश को ऐसी मजबूत और स्थिर सरकार की आवश्यकता है जो प्रभावी नेतृत्व प्रदान करे. इस वर्ष के प्रारंभ में गणतंत्र दिवस के अपने भाषण में मैंने आशा व्यक्त की थी कि 2014 विगत वर्षों की विभाजनकारी और टकराव की राजनीति से राहत देने वाला वर्ष होगा. उन्होंने कहा, आज यहां मैं अपने साथी नागरिकों के विवेक की सराहना करता हूं, जिन्होंने ऐसे उदीयमान भारत में स्थिरता, ईमानदारी और विकास के लिए मत दिया, जिसमें भ्रष्टाचार का कोई स्थान न हो.

आर्थिक स्थिति मुश्किल, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की तैयारी : प्रणब

उन्होंने संगठित, सुदृढ़ और आधुनिक भारत, एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लिए मत दिया है. मेरी सरकार इन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इस महान देश की 125 करोड़ जनता के साथ मिलकर काम करेगी. मुखर्जी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि स्वतंत्रता के इतने दशकों बाद भी अल्पसंख्यक समुदाय गरीबी से पीडित है और सरकारी स्कीमों के लाभ उस तक नहीं पहुंचते हैं. राष्ट्रपति ने कहा, मेरी सरकार भारत की प्रगति में सभी अल्पसंख्यकों को बराबर का भागीदार बनाने के लिए कृतसंकल्प है.

मोदी सरकार का रोडमैप बताने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना सरकार के लिए बड़ा उद्देश्य कहा गया. इसमें कहा गया, हम अपनी अर्थव्यवस्था को सतत उच्च विकास पर ले जाने के लिए मिल जुल कर कार्य करेंगे, महंगाई नियंत्रित करेंगे, निवेश चक्र में तेजी लायेंगे, रोजगार सृजन तेज करेंगे और अपनी अर्थव्यवस्था के प्रति घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय समुदाय का विश्वास बहाल करेंगे.

राष्ट्रपति ने 16वीं लोकसभा के चुनाव को उम्मीदों का चुनाव बताते हुए कहा कि यह हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण पडाव है. चुनावों में 66 . 4 प्रतिशत मतदाताओं की रिकार्ड भागीदारी और लगभग 30 वर्षों पश्चात किसी एक ही पार्टी को मिला स्पष्ट जनादेश लोगों की बढ़ी हुई आकांक्षाओं और उनके इस विश्वास को दर्शाता है कि उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया से ही पूरा किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने जाति, पंथ, क्षेत्र और धर्म की सीमाओं को तोडा है और उन्होंने सुशासन एवं विकास के पक्ष में एकजुट होकर निर्णायक मत दिया है.लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्य, राज्यसभा के सदस्य, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनके मंत्रि परिषद सहयोगी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और विपक्ष के अन्य नेताओं ने राष्ट्रपति के 50 मिनट तक चले अभिभाषण को ध्यान से सुना.

अभिभाषण के दौरान कई मौकों पर सदस्यों ने मेजें थपथपाकर राष्ट्रपति की घोषणाओं का स्वागत किया.विदेश नीति के बारे में राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की अपने अड़ोस- पड़ोस के माहौल को शांतिपूर्ण और स्थिर रखने तथा आर्थिक रुप से जोड़ने की दिशा में प्रतिबद्धता और संकल्प को दर्शाती है जो दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सामूहिक विकास और समृद्धि के लिए अनिवार्य है. उन्होंने कहा, हम दक्षिण एशियाई नेताओं के साथ मिलकर सार्क (दक्षेस) को क्षेत्रीय सहयोग के प्रभावी साधन बनाने और वैश्विक मुद्दों पर सामूहिक आवाज बनने के लिए कार्य करेंगे.

राष्ट्रपति ने कहा, मेरी सरकार समाज के विकास और राष्ट्र की समृद्धि में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करती है. वह संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है. उन्होंने कहा कि हाल ही में देश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की कुछ जघन्य घटनाएं हुई हैं. सरकार महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को बिल्कुल सहन ना करने (जीरो टालरेंस) की नीति अपनायेगी और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए दांडिक न्याय प्रणाली को समुचित रुप से मजबूत किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में घुसपैठ और गैर कानूनी प्रवासियों के मुद्दे को प्राथमिकता से निपटाया जाएगा तथा पूर्वोत्तर सीमा पर बाड लगाने के रुके संपूर्ण कार्य को शीघ्र पूरा किया जाएगा.मुखर्जी ने कहा कि ये सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किये जाएंगे कि कश्मीरी पंडित अपने पूर्वजों की भूमि पर पूर्ण गरिमा, सुरक्षा और सुनिश्चित जीविका के साथ लौटें.

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