पलक्कड (केरल): झारखंड के 123 बच्चों को नौ जून को घर वापस भेजा जाएगा जिन्हें कथित तौर पर तस्करी करके यहां के अनाथालय लाया गया था.पुलिस ने बताया कि झारखंड के समाज कल्याण अधिकारियों के एक अनुरोध के आधार पर रेलवे प्रशासन ने बच्चों के सफर के लिए दो वातानुकूलित कोच आवंटित किये हैं.
कोच के किराए सहित पूरी यात्रा का खर्च केरल और झारखंड की सरकारें संयुक्त तौर पर वहन करेंगी. राज्य में लाये गए झारखंड के कुल 153 बच्चों में से 30 बच्चे अपने अभिभावकों के साथ घर जा चुके हैं. झारखंड और केरल के अधिकारियों की 40 सदस्यीय टीम यात्र के दौरान बच्चों के साथ होगी.इस बीच मामले की जांच की प्रगति का आकलन करने के लिए यहां आये अपराध शाखा के एडीजीपी एस अनंतकृष्णनन ने कहा कि जांच को अन्य राज्यों तक विस्तारित किये जाने की संभावना है ताकि कथित तस्करी के बारे में और सबूत एकत्रित किये जा सकें.
झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से 586 बच्चों को केरल के पलक्कड लाये जाने की 24 मई की घटना के बाद से इस मामले में कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.यह मुद्दा राज्य में एक बडा मुद्दा बन चुका है क्योंकि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (ठआईयूएमएल) सहित कुछ मुस्लिम संगठन इस बात पर आपत्ति जता रहे हैं कि इस मामले का इस्तेमाल अनाथालयों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है.
बिहार और पश्चिम बंगाल के सामाजिक न्याय एवं बाल कल्याण अधिकारी भी केरल में हैं लेकिन उन्हें उनके राज्यों से लाये गए बच्चों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी करनी है. केरल उच्च न्यायालय ने गत गुरुवार को कहा था कि इस मामले में ‘‘गंभीर जांच’’ होनी चाहिए.इस घटना को गंभीरता से लेते हुए केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य सरकार को बच्चों को वापस घर भेजने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया. बच्चों को पलक्कड, मलप्पुरम और त्रिशूर में राज्य सरकार संचालित बाल कल्याण सोसाइटी के किशोर गृहों में रखा गया है.