नयी दिल्ली:कई मुद्दों पर पीएम मोदी की नीतियों के विरोधी रहे जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने समान नागरिक संहिता यानी कॉमन सिविल कोड के मुद्दे पर मोदी सरकार की नीति का समर्थन किया है. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस काटजू ने देश में कॉमन सिविल कोड की वकालत की है. संविधान की व्याख्या करते हुए जस्टिस काटजू ने कहा है कि कॉमन सिविल कोड लागू करने से कहीं भी मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा.
पिछले दिनों केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कॉमन सिविल कोड पर चर्चा को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद मार्कंडेय काटजू का ये रु ख सामने आया है. जस्टिस मार्केंडेय काटजू ने अपने पास आये एक केस की कहानी बतायी जिसमें कैसे एक महिला को उसके पति ने तलाक दिया और फिर उस केस में उन्होंने कैसे पीड़िता को इंसाफ दिया. जस्टिस काटजू ने कॉमन सिविल कोड के समर्थन में एक और उदाहरण सामने रखा.
जिसमें शादी के बाद पति इंगलैंड चला गया और फिर वहीं से चिट्ठी में तलाक लिख कर भेज दिया. कॉमन सिविल कोड के तहत देश में सभी धर्मों पर एक समान कानून लागू होगा. इस सिविल कोड के तहत संपत्ति, विवाह, तलाक जैसे कानून होंगे. गौरतलब है मुसलिमों का कानून अभी शरीयत के हिसाब से है लेकिन कॉमन सिविल कोड लागू होने के बाद इन सभी मुद्दों पर कानून के हिसाब से फैसला लिया जायेगा.