नयी दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के पांच गैर शिक्षक स्टाफ को निलंबित करने को लेकर विपक्षी कांग्रेस ने आज सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि केंद्र किस तरह से देश को चलाना चाहता है. पार्टी नेता मनीष तिवारी ने कहा कि ये केवल अहंकार ही नहीं बल्कि उनकी निरंकुशता का प्रतीक है. इससे पता चलता है कि सरकार देश को किस तरह से चलाना चाहती है.
उन्होंने कहा कि मातहत अधिकारियों के खिलाफ इस तरह की प्रतिशोध वाली कार्रवाई ऐसा कदम है, जिसे सुधारने की जरुरत है. दिल्ली विश्वविद्यालय के पांच स्टाफ को मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के स्नातक प्रवेश से जुडे दस्तावेज और उनका प्रवेश पत्र कथित रुप से ‘लीक’ करने के लिए कल निलंबित किया गया था. इससे पहले स्मृति की शैक्षिक योग्यता को लेकर विवाद उठ खडा हुआ था. स्मृति ने भी विश्वविद्यालय से कहा है कि निलंबित कर्मचारियों को बहाल किया जाए.
इस निलंबन के लिए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या सरकार पारदर्शिता में यकीन करती है. सिंह ने हालांकि स्मृति द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति से निलंबन वापस लेने की अपील का स्वागत किया. लेकिन साथ ही सवाल किया कि अब देश की जनता को जानने दीजिए कि आपकी वास्तविक शैक्षिक योग्यता क्या है. तिवारी ने भी ऐसी ही मांग की.