नयी दिल्ली:भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने मोदी सरकार में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को शामिल नहीं किये जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने यहां एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि दोनों नेता किसी पद के लिए पूरी तरह से योग्य व्यक्ति हैं. खुद को मंत्री न बनाये जाने पर बॉलीवुड अभिनेता ने कहा कि यदि मोदी समङोंगे कि वह इस योग्य हैं तो उन्हें मंत्री बनाया जायेगा, वरना नहीं. वह मोदी के अधिकार को चुनौती नहीं देना चाहते हैं.
उम्र का कटऑफ गलत
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और बिहार के पटना साहिब से दूसरी बार सांसद बने सिन्हा को इस बार सरकार में शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने मोदी सरकार में 75 से अधिक उम्र के लोगों को मंत्री नहीं बनाये जाने के नियम पर भी असंतुष्टि जतायी. उन्होंने कहा कि मंत्री बनाये जाने का आधार अनुभव और योग्यता होनी चाहिए. बॉलीवुड अभिनेता से नेता बने सिन्हा ने कहा कि वह 75 साल के कट ऑफ से सहमत नहीं हैं. अनुभव और योग्यता एक साथ हो सकते हैं. पार्टी में कई वरिष्ठ नेता हैं जो 45 साल के व्यक्ति से अधिक सक्रि य और तेजतर्रार हैं. कुछ वजहों से ये लोग सरकार में पद नहीं हासिल कर सके जिसके वे हकदार थे.
मंत्री बनाना पीएम का विशेषाधिकार
उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी बहुत ही बुद्धिमान हैं और किसी भी पद के लिए पूरी तरह से योग्य हैं. लोकसभा अध्यक्ष बनना या नहीं बनना आडवाणी जी पर निर्भर होना चाहिए. न केवल अध्यक्ष का पद बल्कि वह कैबिनेट में सभी पदों के लिए सुयोग्य व्यक्ति हैं. हालांकि बॉलीवुड अभिनेता ने मोदी के फैसलों पर साफ साफ बोलने से परहेज किया. उन्होंने कहा कि मंत्री बनाना या नहीं बनाना यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है. पार्टी का सदस्य और कार्यकर्ता होने के नाते वह संसदीय बोर्ड के फैसलों पर सवाल नहीं उठा सकते हैं.
फिर भी कोई गिला नहीं
उन्होंने कहा कि सरकार गठन में इस बार लोकसभा सांसदों पर राज्यसभा सांसदों को ज्यादा तवज्जो दी गयी है. उन्होंने कहा कि यह सही है कि बड़े अंतर से लोकसभा चुनाव जीतने वाले कई लोग कैबिनेट में नहीं हैं और जिन्होंने जनता का सामना नहीं किया और राज्यसभा से आते हैं, उन्हें मंत्री बनाया गया है लेकिन उन्हें इसका कोई गिला शिकवा नहीं है.