नयी दिल्ली : मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय से, निलंबित किए गए पांच गैर शिक्षण कर्मचारियों को पुन: बहाल करने को कहा है. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने स्मृति ईरानी के इस कदम का स्वागत करते हुए उन्हें धन्यवाद किया है. साथ ही स्मृति पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा अब आप अपनी असली डिग्री बता दीजिए.
इन पांचों कर्मचारियों को स्मृति की शैक्षिक योग्यता को लेकर उठे विवाद के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री के स्नातक प्रवेश और प्रवेश पत्र से संबंधित दस्तावेजों को कथित तौर पर लीक करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. हाल ही में स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर सवाल उठे थे. ईरानी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, ‘‘सार्वजनिक जीवन में किसी को भी जांच और आलोचना के लिए तैयार रहना चाहिए. मैं भी इसके लिए तैयार हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली विश्वविद्यालय एक स्वायत्त संस्थान है, इसलिए मैंने अधिकारियों की बहाली के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति से निजी तौर पर अपील की है.’’ विश्वविद्यालय के सूत्रों ने कल बताया कि विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग’ ने गोपनीय दस्तावेज लीक करने को लेकर अपने पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. उन्होंने बताया कि निलंबित अधिकारियों में एक सेक्शन अधिकारी और उनसे नीचे के पद पर कार्यरत चार अन्य कर्मचारी शामिल हैं. इनके खिलाफ जांच शुरु कर दी गई है.
इसी बीच अधिकारियों के निलंबन को लेकर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला. पार्टी के महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली विश्वविद्यालय के पांच अधिकारियों को मानव संसाधन विकास मंत्री की शैक्षणिक योग्याताओं से जुडी जानकारी लीक करने के लिए निलंबित कर दिया गया. क्या यह सरकार पारदर्शिता में यकीन करती है?’’
सरकार पर एक और तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अच्छे दिन आ गए हैं. क्या कोई दिल्ली विश्वविद्यालय के निलंबित अधिकारियों के लिए खडा होगा?’’जब स्मृति ईरानी ने निलंबन रद्द करने की मांग की तो सिंह ने चुटकी ली, ‘‘डीयू अधिकारियों की बहाली की खातिर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से अपील करने के लिए आपका शुक्रिया स्मृति. अब इस देश के लोगों को आपकी असली शैक्षणिक योग्यता जान लेने दीजिए.’’ सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों ने दस्तावेज लीक करने की बात एसओएल (स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग) के निदेशक चंद्रशेखर दुबे के समक्ष स्वीकार की है.
स्मृति ईरानी अपनी शैक्षणिक योग्यताओं को लेकर उस समय से विवाद के घेरे में हैं, जब यह बात सामने आई कि उन्होंने वर्ष 2004 और 2014 के लोकसभा चुनावों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में विरोधाभासी घोषणाएं की थीं. कांग्रेस ने स्मृति के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री के रुप में उनकी योग्यताओं पर यह कह कर सवाल उठाए कि वे खुद ‘‘स्नातक तक नहीं हैं.’’ स्मृति ईरानी ने कहा था, उनका ध्यान उनके काम से भटकाने के लिए ‘‘मूल विषय से हट कर स्थितियां’’ पैदा की जा रही हैं. उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे उन्हें उनके काम के आधार पर परखें.