बदायूं : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बदायूं के उसहैत क्षेत्र में दो किशोरियों की सामूहिक बलात्कार के बाद फांसी पर चढ़ाकर हत्या की घटना के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए आज कहा कि अगर मृत लड़कियों के परिजन चाहें तो वह मामले की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश करेंगी.
मेनका ने टेलीफोन पर बातचीत में कहा कि बदायूं के कटरा सादतगंज गांव में गत मंगलवार की रात को दलित वर्ग की दो किशोरियों के साथ हुई बर्बरता के लिए पुलिस की ढिलाई भी बराबर की जिम्मेदार है.
उन्होंने कहा पुलिस की शिथिलता की वजह से बच्चियों को जान गंवानी पडी.पुलिस अब भी सही कार्रवाई नहीं कर रही है. इस वारदात में जो पुलिसकर्मी शामिल हैं, उनका निलंबन नहीं बल्कि बर्खास्तगी होनी चाहिए थी.केंद्रीय मंत्री ने कहा वारदात की शिकार हुई लड़कियों के परिजन अगर चाहते हैं कि इस मामले की जांच सीबीआई से करायी जाये तो मैं इसकी सिफारिश करुंगी.
उन्होंने कहा कि वह एक रेप क्राइसिस सेल का गठन करने जा रही हैं जिसमें ऐसे मामलों पर तेजी से कार्रवाई होगी. गौरतलब है कि उसहैत थाना क्षेत्र के कटरा सादतगंज गांव में दलित जाति की 14 तथा 15 साल की लडकियां गत मंगलवार की रात शौच के लिए गांव के बाहर गयी थीं.दोनों चचेरी बहनों के घर ना लौटने पर परिजन ने रात भर उनकी तलाश की.
अगली सुबह गांव के बाहर एक बाग में एक पेड की डाल पर फांसी के फंदे से दोनों लडकियों के शव लटकते पाये गये थे.पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों किशोरियों के साथ बलात्कार होने तथा फांसी पर लटकाने से मौत की पुष्टि हुई थी.इस घटना के बाद संबंधित कटरा पुलिस चौकी के प्रभारी राम विलास यादव, सिपाही सर्वेश यादव और छत्रपाल यादव को निलंबित कर दिया गया था.
सर्वेश और छत्रपाल के खिलाफ वारदात की साजिश रचने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया.इसके अलावा तीन सगे भाइयों पप्पू यादव, अवधेश यादव और उर्वेश यादव समेत पांच अन्य पर बलात्कार तथा हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में मुख्य आरोपी पप्पू, उसके भाई अवधेश तथा सिपाही सर्वेश को गिरफ्तार किया जा चुका है.