नयी दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सफदरजंग अस्पताल में एक पायलट परियोजना के रूप में एक दिन में 12 घंटे के लिए बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) की सेवा चलाने का निर्णय लिया है. हालांकि, अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने इस निर्णय को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए और चिकित्सकों की नियुक्ति किये जाने की मांग की है.
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फिलहाल, सफदरजंग समेत ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में ओपीडी की सेवा पांच घंटे सुबह आठ बजे से अपराह्न एक बजे तक है. मधुमेह जैसी कुछ बीमारियों के लिए दोपहर में कुछ विशेष क्लीनिक सेवा भी रहती है. नये प्रस्ताव के तहत ओपीडी सुबह आठ से रात आठ बजे तक चलेगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है.
अधिकारी ने बताया कि सफदरजंग अस्पताल में एक बार इस निर्णय के लागू होने के बाद अन्य केंद्रीय सरकारी अस्पतालों में भी इसे अपनाया जायेगा. सफदरजंग अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने कहा कि इस कदम से उन पर और दबाव पैदा हो जायेगा. एक रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा कि हम प्रस्ताव के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन प्रशासन को 12 घंटे ओपीडी सेवा उपलब्ध कराने के लिए संसाधन और स्टॉफ को बढ़ाना होगा. चिकित्सकों की कमी है और उन पर पहले से ही काम का दबाव है.
उन्होंने कहा कि समय बढ़ाने से केवल उन और दबाव ही बढ़ेगा, इसलिए और चिकित्सकों की नियुक्ति की जानी चाहिए. इस बीच सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने सभी विभागों को अपना फीडबैक देने के निर्देश दिये है.