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उमा भारती ने कार्यभार संभाला कहा, भागीरथ के बाद अब मोदी बनेंगे गंगा के उद्धारक

नयी दिल्ली : केंद्रीय जल संसाधन विकास और गंगा पुनर्जीवन मंत्री उमा भारती ने गंगा की सफाई का दायित्व मिलने को अपने जीवन का सबसे सार्थक दिन बताते हुए आज कहा कि राजा भागीरथ के बाद नरेंद्र मोदी अब गंगा के उद्धारक की भूमिका निभायेंगे. अपना कार्यभार संभालने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उमा […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय जल संसाधन विकास और गंगा पुनर्जीवन मंत्री उमा भारती ने गंगा की सफाई का दायित्व मिलने को अपने जीवन का सबसे सार्थक दिन बताते हुए आज कहा कि राजा भागीरथ के बाद नरेंद्र मोदी अब गंगा के उद्धारक की भूमिका निभायेंगे.

अपना कार्यभार संभालने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उमा ने कहा, यह मेरी जिंदगी का सबसे सार्थक दिन है. गंगा नदी भारत की पहचान है और मैं मोदीजी की आभारी हूं जिन्होंने मुझे अपने जीवन का सबसे सुंदर दायित्व दिया. मैने गंगा तटों पर जीवन गुजारा है और अब उन्हीं गंगाजी का दायित्व मुझे मिला है. मेरा जीवन सार्थक हो गया.

वाराणसी से लोकसभा चुनाव जीतने वाले मोदी ने 2019 तक गंगा की सफाई के मिशन को पूरा करने के लिये गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय बनाया है जिसकी बागडोर पार्टी की वरिष्ठ नेता और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रह चुकी उमा भारती को सौंपी गई है.

उमा ने कहा, भारत नदियों का देश है और मुझे लगता है कि भागीरथ के बाद मोदीजी गंगा के उद्धारक साबित होंगे. उन्होंने साबरमती का भी कायाकल्प कर दिया है और गुजरात के उनके अनुभव को देखते हुए मुझे यकीन है कि गंगा समेत देश की बाकी नदियों को भी वह संवारेंगे.

उमा ने कहा, मेरे इस दायित्व के पीछे साधु संतों की अदृश्य ताकत भी है. मैने संसद में भी सभी सांसदों को गंगाजल दिया था और तमाम दलों के सांसदों ने जिस तरह हाथ में लेकर उसका अभिनंदन किया, मैं उसे भूल नहीं सकती.

गंगा और यमुना की सफाई के लिये कोई समय सीमा नियत करने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा, अभी मैंने कार्यभार संभाला ही है. मुझे 15 दिन दीजिये ताकि मैं अब तक इस दिशा में किये गए काम को समझ सकूं. इसके बाद विशेषज्ञों से सलाह लेकर तय करेंगे कि कितना समय इस काम में लगेगा.

उन्होंने कहा, हमने गंगा सफाई शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है क्योंकि गंगा मैली नहीं है बल्कि हमने उसे मैला किया है. यह उसकी सफाई नहीं बल्कि उसे पुनर्जीवन देने की बात है. उन्होंने कहा कि भारत में जल समस्याओं का निवारण भी उनकी प्राथमिकता होगा. उन्होंने कहा, गंगा पुनर्जीवन के अलावा देश में जल समस्याओं का निवारण भी मेरी प्राथमिकता होगा. नदियां हमारी शक्ति और शान है जिनकी पहचान सिर्फ धर्म के आधार पर नहीं बल्कि इनसे कइयों का जीवन जुडा है. मैं इनसे जुडी समस्याओं को दूर करने के लिये अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करुंगी.

नदियों को आपस में जोडने की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की परियोजना के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, यह मेरे विभाग में नहीं आता है. यह पूर्व एनडीए सरकार की परियोजना था जिस पर उच्चतम न्यायालय में लगी रोक दो साल पहले ही हटी है. मैं इस बारे में जरुरत पडने पर प्रधानमंत्री से बात करुंगी.

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