नयी दिल्ली : सिविल सेवा के अभ्यर्थियों को इस वर्ष से इस प्रतिष्ठित परीक्षा में बैठने के लिए दो अतिरिक्त प्रयास के मौके मिलेंगे लेकिन उसके प्रारुप और पाठ्यक्रम में कोई परिवर्तन नहीं होगा.संघ लोकसेवा आयोग :यूपीएससी: ने आज कहा, ‘‘अभ्यर्थियों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि सरकार ने सभी श्रेणी के उम्मीदवारों को दो अतिरिक्त मौके के साथ ही इसके परिणामस्वरुप आयु में छूट देने का फैसला किया है जो कि सिविल सेवा परीक्षा 2014 से प्रभावी होगा.’’
यूपीएससी ने कहा, ‘‘सिविल सेवा परीक्षा के प्रारुप और पाठ्यक्रम में कोई परिवर्तन नहीं होगा.’’ इस परीक्षा के लिए किसी भी अभ्यर्थी को अधिकतम चार मौके मिलते हैं. यद्यपि अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए मौकों पर कोई प्रतिबंध नहीं है. अन्य पिछडा वर्ग के उम्मीदवारों को इस परीक्षा में सात बार बैठने का मौका मिलता है. सिविल सेवा परीक्षा यूपीएससी द्वारा करायी जाती है जिससे आईएएस, आईपीएस और आईएफएस सेवा के अधिकारियों का चयन होता है.
यह परीक्षा तीन स्तरों में करायी जाती है जिसमें प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार होता है. 2014 में यह परीक्षा 24 अगस्त को होनी है. अधिसूचना में उल्लेख के अनुसार इस परीक्षा में बैठने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम 30 वर्ष होनी चाहिए. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को आयु में पांच वर्ष की छूट है जबकि अन्य पिछडे वर्ग के उम्मीदवार को तीन वर्ष की छूट है.