नयी दिल्ली:पदभार संभालने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने पहला फैसला करते हुए मंगलवार को विदेशों में जमा काले धन का पता लगाने के लिए विशेष जांच टीम (एसआइटी) का गठन किया. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक में तय किया गया कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमबी शाह की अध्यक्षता में एसआइटी कार्य करेगी.
उपाध्यक्ष भी सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरिजीत पसायत होंगे. बैठक के बाद कानून, आइटी व संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुरूप एसआइटी का गठन किया गया. यह मुद्दा हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है. विदेश से काले धन को वापस लाने के लिए हमारा जो संकल्प और प्राथमिकता रही है, उसी के तहत एसआइटी का गठन किया गया है. एसआइटी रिपोर्ट जल्द ही पेश होगी. इस मुद्दे पर भारत सरकार ने सक्रियता दिखायी है. वैसे भी सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश की जाये.
अधिकार क्षेत्र में क्या
एसआइटी के अधिकारक्षेत्र में वे सभी मामले आयेंगे, जिनमें या तो जांच शुरू हो चुकी है या लंबित है या जांच शुरू की जानी है या फिर जांच पूरी हो गयी है. एसआइटी एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करेगी, जिसमें आवश्यक संस्थागत ढांचा तैयार करना शामिल है, जो देश को काले धन के खिलाफ लड़ाई में मदद करेगा. एसआइटी को हसन अली के मामलों में और काले धन के अन्य मसलों में जांच, कार्रवाई करने और मुकदमा चलाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
सदस्य कौन-कौन
राजस्व सचिव, भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर, खुफिया ब्यूरो के निदेशक, निदेशक (प्रवर्तन), सीबीआइ निदेशक, अध्यक्ष केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), महानिदेशक (राजस्व खुफिया), निदेशक (वित्तीय खुफिया) व निदेशक (रॉ) शामिल होंगे. राष्ट्रीय न्यायिक आयोग की स्थापना भी प्राथमिकता में
राष्ट्रीय न्यायिक आयोग की स्थापना भी प्राथमिकता में
कार्यभार संभालने के बाद नवनियुक्त कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया में कार्यपालिका को शामिल करने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग की स्थापना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. भाजपा के घोषणा पत्र का हिस्सा भी है. लोकपाल के मसले पर उन्होंने कहा कि मुङो कानून मंत्री के तौर पर अपनी नयी भूमिका में चीजों को देखना होगा. मृत्युदंड के मसले पर कहा कि यह एक ऐसा मामला है जिसके पक्ष और विपक्ष में कई विचार हैं. विचार विमर्श के बाद एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाना होगा.
आज तय होगी संसद सत्र की तारीख
16वीं लोकसभा के पहले सत्र की तारीख तय करने के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक होगी. अनुमान है कि संसद का सत्र जून के पहले सप्ताह में आहूत किया जा सकता है.