ईटानगर : सीमा सडक संगठन ने कमजोर और भूस्खलन के खतरे वाली 230 किलोमीटर लंबी रोइंग-हुनली-एनिनी सडक, खासकर 9 किलोमीटर लंबे एंडोलिन बाईपास को नया रुप दिया है और पांच साल की कडी मेहनत के बाद इसे वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया है.
752 ग्रेफ के कमांडर गिरीश प्रसाद सिंह ने कल कहा, ‘‘कठिनाइयों की वजह से इस बाईपास को खोलने में करीब पांच साल लगे. फिर भी, अधिकारियों और मजदूरों की हमारी समर्पित टीम ने इस मार्ग को गत मार्च में खोले जाने के लिए अंत तक काम किया.’’ उन्होंने बताया कि परियोजना में तेजी लाने के लिए खोंसा :तीरप: आधारित 725 बीआरटीएफ को 2012 में रोइंग :निचली दिबांग घाटी में: भेजा गया.
शैल क्षेत्र और उंचाई की वजह से मानसून के दौरान रोइंग-हुनली-एनिनी सडक अब भी शेष राज्य से कट जाती है. सिंह ने बताया कि इसलिए 62 आरसीसी को रोइंग से 9 किलोमीटर दूर हुनली में स्थाई रुप से आधारित कर दिया गया, ताकि मार्ग पर निगरानी रखी जा सके और जरुरत पडने पर उसकी मरम्मत की जा सके.