नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव में जबरदस्त हार के बाद पार्टी के हलकों में राहुल गांधी और उनके सलाहकारों की दबी छिपी आलोचना का दौर आज जारी रहा.कांग्रेस के कुछ नेता मीडिया से बातचीत में पहचान जाहिर नहीं होने की शर्त पर ‘टीम राहुल’ की आलोचना कर रहे हैं तो कुछ उनका बचाव भी कर रहे हैं. राहुल के कुछ आलोचक शायद कार्रवाई के डर से खुलकर अपनी बात नहीं कह रहे। राहुल के बहाने किये जा रहे हमले खासतौर पर उनके सलाहकारों पर केंद्रित हैं, जिनमें पार्टी उपाध्यक्ष का नाम कम ही आ रहा है.एक समय गांधी परिवार के बहुत करीब माने जाने वाले एक दिग्गज नेता ने जमीनी राजनीति से पकड कमजोर होने के लिए राहुल के सलाहकारों को जिम्मेदार ठहराया. उनका कहना है कि संवादहीनता के कारण पार्टी को करारी हार का सामना करना पडा.
इससे पहले मिलिंद देवडा और सत्यव्रत चतुर्वेदी जैसे कांग्रेसी खुलकर टीम राहुल की आलोचना कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि राहुल के सलाहकारों ने जमीनी हकीकत को नहीं समझा. निवर्तमान खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने कहा कि कांग्रेस में बूथ स्तर से आंतरिक संगठन चुनाव होने चाहिए.हालांकि राहुल की टीम में शामिल रहे एक नेता ने कहा कि पार्टी उपाध्यक्ष को लोकसभा चुनाव में अवांछनीय लक्ष्य का सामना करना पडा क्योंकि संप्रग-2 ‘‘अच्छा उत्पाद नहीं था’’ जिसकी मार्केटिंग मतदाताओं में की जा सके.