गुड़गांव : रेयान इंटरनेशनल स्कूल में एक सात वर्षीय बच्चे की हत्या मामले में एक सत्र अदालत ने कल 16 साल के एक छात्र की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उसके खिलाफ वयस्क के रूप में सुनवाई के किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के फैसले को चुनौती दी गयी थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जसबीर सिंह कुंडू ने छात्र की अपील खारिज करते हुए कहा कि किशोर बोर्ड ने ‘ अपराध करने के लिए शारीरिक एवं मानसिक क्षमता ‘ साबित करने के लिए उसके सामने रखी गयी सभी सामग्री पर विचार किया और कहा किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.
अदालत ने आरोपी छात्र द्वारा दायर तीन अपीलें खारिज करते हुए कहा , ‘ किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) का आदेश कानूनी और सही है. इस आदेश में किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है. जेजेबी ने मनोवैज्ञानिक एवं समाजवैज्ञानिक निष्कर्ष निकालने के लिए उसके सामने मौजूद सभी सामग्री पर विचार किया और इसलिए इसमें इस समय किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.’ अदालत ने इससे पहले सीबीआई को यहां एक निजी स्कूल में सात साल के लड़के की हत्या के मामले में पूरक आरोपपत्र दायर करने के लिए चार जुलाई तक का समय दिया था. पीड़ित बच्चे के वकील सुशील टेकरीवाल ने दलील दी थी कि 16 साल के आरोपी को वयस्क घोषित करने के जेजेबी के आदेश का ‘ सुविचारित कारण ‘ है और इसमें कोई खामी या गलती नहीं है.
आरोपी के वकील ने जेजेबी के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि यह कानून की नजर में गलत है और उन्हें अपनी बात रखने का उचित अवसर दिये बिना आदेश पारित किया गया. इससे पहले , अदालत ने इस मामले में 16 साल के आरोपी के नाम का प्रयोग करने से मीडिया को रोका था और उससे कोई काल्पनिक नाम प्रयोग करने को कहा था.
अदालत ने सात साल के मृतक को ‘ प्रिंस ‘, आरोपी को ‘ भोलू ‘ और स्कूल को ‘ विद्यालय ‘ नाम दिया था. जेजेबी ने पिछले साल 20 दिसंबर को कहा था कि किशोर के खिलाफ वयस्क के रूप में सुनवाई होगी. बोर्ड ने उसे गुड़गांव सत्र अदालत के सामने पेश करने का आदेश दिया था. सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि किशोर ने पिछले साल आठ सितंबर को छात्र की हत्या की थी ताकि परीक्षाएं तथा प्रस्तावित अभिभावक शिक्षक बैठक टाली जा सके. स्कूल के वाशरूम में मृतक का शव मिला था और उसका गला काटा गया था.