नयी दिल्ली : भाजपा संसदीय दल का नेता चुने जाने पर नरेंद्र मोदी आज भावुक हो उठे और अपने आंसू नहीं रोक पाये. उधर मीलों दूर गांधीनगर में बैठी उनकी अपनी मां हीराबा के आंसू भी नहीं थम पाए. बेटे को भावुक देख उनकी आंखों से आंसू निकल आए.संसद भवन के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में लालकृष्ण आडवाणी द्वारा संसदीय दल के नेता के तौर पर उनका नाम प्रस्तावित किये जाने और सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, मुरली मनोहर जोशी आदि द्वारा उनका अनुमोदन किये जाने के बाद अपने भाषण के दौरान उन्हें रोना आ गया और अपने को संभालने में उन्हें कुछ समय लगा.
अपने संबोधन में वह यह कहते हुए भावुक हो उठे, आडवाणीजी ने एक शब्द का प्रयोग किया कि नरेंद्र भाई ने कृपा की. इतना कहने के बाद वह अपना रोना नहीं रोक पाए और कुछ देर तक सिर झुकाए खडे रहे और अपने को संभालने का प्रयास करते देखे गए.कुछ देर की खामोशी के बाद वह रुंधे गले से बोले, क्या मां की सेवा कभी कृपा हो सकती है? कतई नहीं हो सकती. जैसे भारत मेरी मां है, वैसे ही भाजपा भी मेरी मां है. और इसीलिए बेटा कभी मां पर कृपा नहीं कर सकता है.
बेटा सिर्फ समर्पित भाव से मां की सेवा करता है. मोदी ने कहा, कृपा तो पार्टी ने की जिसने मां की सेवा का मुझे अवसर दिया. संसद भवन पहली बार आने के संदर्भ में उन्होंने कहा, यहां मैं पहली बार आया हूं. शायद मेरे साथ हमेशा ऐसा होता है. पहले मैं मुख्यमंत्री बना (गुजरात का) और तब सीएम कक्ष देखा. आज भी ऐसा ही अवसर मिला है. उन्होंने कहा, मोदी दिखता है लेकिन इसलिए नहीं कि मोदी बहुत बडा है. मोदी इसलिए दिख रहा है क्योंकि पार्टी ने मुझे अपने कंधों पर बिठाया है.