चेन्नई: द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने आज पार्टी कोषाध्यक्ष एम के स्टालिन को पार्टी के पदों से इस्तीफा देने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए मना लिया जबकि उनके भाई एवं निष्कासित नेता एम के अलागिरि ने इसे नौटंकी करार दिया.
वरिष्ठ पार्टी नेता दुरई मुरुगन ने कहा कि करुणानिधि ने उन्हें ऐसा कदम नहीं उठाने की सलाह दी तथा अन्य नेताओं ने भी उनसे ऐसा दुखद फैसला नहीं करने का आग्रह किया. उन सभी ने कहा कि वे उनके साथ हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘अतएव, उन्होंने हमारा अनुरोध और नेता की सलाह भी मान ली तथा अपना इस्तीफा वापस ले लिया.’’ स्टालिन ने उससे पहले दिन में यह कहते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था कि वह लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार की पूरी नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं. द्रमुक को लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु में एक भी सीट नहीं मिली.
पार्टी से निकाले गए स्टालिन के भाई अलागिरि ने कहा, ‘‘यह सब ड्रामा है. वह त्यागपत्र देने का बहाना करेंगे. कोई उन्हें रोकेगा. तब द्रमुक अध्यक्ष कहेंगे कि वह इस्तीफा स्वीकार नहीं करेंगे. देखिए और इंतजार कीजिए कि कब तक यह ड्रामा चलता है.