नयी दिल्ली : लोकसभा चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत से उत्साहित दिल्ली भाजपा प्रमुख हर्षवर्द्धन ने आज कहा कि पार्टी शहर में निकट भविष्य में किसी भी समय विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है. इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने का भरोसा भी जताया.
हर्षवर्द्धन ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि भाजपा किसी भी तरह के जोड़-तोड़ से दिल्ली में सरकार बनाने की कोशिश नहीं करेगी और शहर में शासन के वास्ते स्पष्ट जनादेश के लिए चुनाव का इंतजार करेगी. उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, हम ताजा विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हैं. मुझे लगता है जल्द से जल्द चुनाव होना चाहिए. मैं आश्वस्त हूं कि चुनाव होने पर दिल्ली की जनता हमें स्पष्ट जनादेश देगी. भाजपा को शहर में सभी सातों सीटों पर एक लाख से लेकर 2.6 लाख के अंतर के बीच जीत मिली.
शहर में लोकसभा चुनावों में भाजपा की वोट हिस्सेदारी भी बढ़कर 46.1 प्रतिशत हो गयी जबकि विधानसभा चुनाव में पार्टी को 33.07 प्रतिशत वोट मिले थे. वर्धन को चांदनी चौक सीट से 1.35 लाख वोट से जीत मिली. जल्द विधानसभा चुनाव का समर्थन करते हुए हर्षवर्द्धन ने कहा कि चुनाव अगले आठ महीने के भीतर हो जाना चाहिए क्योंकि राष्ट्रपति शासन एक साल से ज्यादा नहीं चल सकता.
दिल्ली प्रदेश भाजपा के कुछ नेताओं ने संकेत दिया है कि नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली सरकार दिल्ली में जल्द विधानसभा चुनाव कराने का विकल्प अख्तियार कर सकती है. विधानसभा को भंग करने का कोई भी निर्णय केंद्रीय कैबिनेट को लेना है. हर्षवर्द्धन ने कहा कि बहुमत नहीं मिलने के कारण सरकार नहीं बनाने का पहले का उनका रुख नहीं बदला है.
उन्होंने कहा, हम जोड़-तोड़ से सरकार बनाने की कोशिश नहीं करेंगे. सरकार नहीं बनाने का हमारा रुख नहीं बदला है. हमारे पास संख्या नहीं है और कोई जोड़-तोड़ नहीं करेंगे. 70 सदस्यीय विधानसभा में अकाली दल की एक सीट के साथ भाजपा के पास 32 विधायकों का समर्थन है. हालांकि, भाजपा की सीटें कम होंगी क्योंकि मौजूदा विधायक हर्षवर्द्धन, प्रवेश वर्मा और रमेश विधूडी सांसद निर्वाचित हुए हैं.
हर्षवर्धन की टिप्पणी महत्वपूर्ण है क्योंकि आप के विधायक बाहरी समर्थन से दिल्ली में फिर से सरकार बनाने पर विचार कर रहे हैं. बताया जाता है कि अरविंद केजरीवाल सहित आप के शीर्ष नेताओं की बैठक में पार्टी के कुछ विधायकों ने पार्टी नेतृत्व को इस विचार से अवगत कराया है कि पार्टी को सरकार बनाने के लिए फिर से ताजा प्रयास करना चाहिए. ऐसे विधायकों की संख्या करीब 20 है.
सूत्रों ने बताया है कि पार्टी विधायक राजेश गर्ग ने 49 दिन के बाद फरवरी में केजरीवाल के इस्तीफे के कारण शहर में लोकसभा चुनावों में आप के खराब प्रदर्शन की प्रमुख वजह बताते हुए यह विचार पेश किया.