कोलकाता: ऐसा नहीं है कि लंबे समय तक चलने वाले चुनावों से सिर्फ नेता परेशान हैं. पश्चिम बंगाल में शादी का आयोजन करने वाले लोग भी मौजूदा आम चुनावों की लंबी अवधि से नाखुश हैं क्योंकि दूर-दराज के इलाके के लोगों को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.
पूर्वी भारत में शादी के आयोजकों का कहना है कि मतदान के दिन से 48 घंटे पहले चुनाव आयोग एवं जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियां आवाजाही और सामानों की खरीदारी से जुडी समस्याएं पैदा करती हैं. ‘फॉरएवर वेडिंग प्लानर्स’ के अधिकारी शुभम के मुताबिक, ‘‘यदि शादी समारोह शहर के भीतर है तो कोई दिक्कत नहीं है. पर यदि समारोह शहर के बाहर है तो हमें कई समस्याओं का सामना करना पडता है. पहले गाडियों के आने-जाने और फिर सामानों की खरीदारी में दिक्कत होती है.’’ मौजूदा लोकसभा चुनाव में अब तक आठ चरण के मतदान हो चुके हैं जबकि एक चरण का मतदान बाकी है. पश्चिम बंगाल में 18 अप्रैल के बाद से अब तक चार चरणों में 25 सीट पर चुनाव कराया जा चुका है. 12 मई को अंतिम चरण में राज्य की 17 सीटों पर मतदान होगा.
चुनाव आयोग भले ही स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं सुचारु चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कई चरणों में मतदान करा रहा हो पर शादी के आयोजकों का मानना है कि पाबंदियों की वजह से उनका व्यापार और शादी करने वाले परिवारों को परेशानियों का सामना करना पडता है और ऐसा खासकर उन इलाकों में होता है जहां चुनाव होने वाले होते हैं. शुभम ने कहा, ‘‘बारात लेकर जा रही बसों और दूल्हे के परिजन को हर जांच चौकी पर रोक दिया जाता है और तलाशी ली जाती है. गहने पहन कर सफर रही महिलाओं को भी पुलिस के सवालों का सामना करना पडता है. बडी मात्र में नगद और सोना भी नहीं ले जा सकते.’’