नयी दिल्ली: सीबीआई ने साल 2005 में तालाबीरा-टू कोयला खदान के आवंटन में कथित अनियमितता के सिलसिले में पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख के साथ आज दूसरे दौर की पूछताछ शुरु की.
पारेख से कल तकरीबन आठ घंटे तक पूछताछ की गई थी. इस दौरान उनसे आवंटन प्रक्रिया से संबंधित कई सवाल और स्क्रीनिंग कमेटी के फैसले को बदलने के कारणों के बारे में पूछताछ की गई. स्क्रीनिंग कमेटी ने हिंडाल्को के आवेदन को खारिज कर दिया था.
पूछताछ के बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या वह पूछताछ की प्रक्रिया से संतुष्ट हैं तो पारेख ने कहा कि वह संतुष्ट हैं. उन्होंने अपनी पुस्तक में आरोप लगाया था कि पिछली बार इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की थी जिन्हें नीति निर्माण के बारे में कोई अनुभव नहीं था.उन्होंने कहा था, ‘‘पूछताछ का उद्देश्य समझना था. मैं उन्हें समझाने की प्रक्रिया में हूं. उनकी एक राय है. मैं अपना पक्ष रखने की कोशिश कर रहा हूं.’’ सूत्रों ने बताया कि पारेख से पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी के नेतृत्व वाले दल ने पूछताछ की. इसकी निगरानी संयुक्त निदेशक कर रहे हैं और उन्हें मामले से संबंधित सारे दस्तावेजों तक पहुंच उपलब्ध कराई गई.
69 वर्षीय पारेख पर सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में हिंडाल्को को कोयला खदान आवंटित करने में अपने आधिकारिक पद का दुरपयोग करने का आरोप लगाया गया है. पारेख दिसंबर 2005 में कोयला सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. हिंडाल्को आदित्य बिडला समूह की एक कंपनी है.