नयी दिल्ली : तीन तलाक को समाप्त करने और नाबालिग पत्नी के साथ यौन संबंध को अपराध की श्रेणी में रखने के अहम फैसले सुनाने वाले उच्चतम न्यायालय के नेतृत्व में देश की अदालतों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध एवं पुरानी प्रथाओं के विरुद्ध कड़ाई से निपटते हुए लैंगिक न्याय की लड़ाई में वर्ष 2017 में कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए. महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को कड़ा संदेश देते हुए शीर्ष अदालत ने 16 दिसंबर 2012 के सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के सभी चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई.
उच्चतम न्यायालय के अलावा देश की अन्य अदालतों ने भी महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में कड़े फैसले सुनाये. इनमें से सबसे सनसनीखेज मामला हरियाणा के सिरसा में महिलाओं के उत्पीड़न का था. इस संबंध में पंचकूला की एक अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को अपनी अनुयायियों के बलात्कार का दोषी ठहराते हुए दो मामलों में 20 साल कारावास की सजा सुनाई.