नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने कहा कि सोनिया को कभी भी सरकारी फाइलें नहीं दिखायी गईं. पटेल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारु की किताब में लिखी इस बात को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया कि सोनिया को सरकारी फाइलें दिखायी जाती थीं.
पटेल ने कहा, मैंने किताब पढ़ी नहीं है पर दोस्तों से मैंने जो कुछ भी सुना है उस पर मैं यह कह सकता हूं कि इस तरह की बातें बेबुनियाद हैं. जब आप कहते हैं कि सभी अहम सरकारी फाइलें उनके पास भेजी जाती थीं तो यह सब बेबुनियाद है.
टाइम्स नाउ को दिए गए एक इंटरव्यू में पटेल ने कहा, मैं कोर ग्रुप कमिटी का सदस्य हूं. यदि कैबिनेट का कोई सदस्य कहता है कि सोनिया गांधी को फाइलें दिखायी गईं तो मैं सार्वजनिक जीवन छोड़ दूंगा. अपनी किताब एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर – दि मेकिंग एंड अनमेकिंग ऑफ मनमोहन सिंह में बारु ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पुलक चटर्जी प्रधानमंत्री कार्यालय के फैसलों पर सोनिया गांधी से निर्देश लेते थे.
भाजपा नेताओं द्वारा कांग्रेस शासनकाल के घोटालों की जांच करने और एक जवाबदेही आयोग के गठन संबंधी बयान दिए जाने पर पटेल ने कहा, उन्हें करने दीजिए. हम किसी से डरते नहीं हैं. हम पहले भी इसका सामना कर चुके हैं…..वे तो इस हद तक चले गए थे कि उन्होंने प्राथमिकी में राजीव गांधी का भी नाम डाल दिया था.
पटेल ने यह भी कहा, पहली बात तो यह कि वे सत्ता में नहीं आने वाले और यदि वे सत्ता में आ भी गए तो हम डरते नहीं हैं क्योंकि हमने कुछ भी गलत नहीं किया है. कांग्रेस नेता ने यह कहते हुए राहुल गांधी का भी बचाव किया कि उन्होंने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ कभी व्यक्तिगत हमला नहीं बोला.