नयी दिल्ली: इंडियन मुजाहिदीन के लगभग पूरे नेतृत्व के जेल पहुंचने के बाद देश में आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगाने की मंशा से दिल्ली पुलिस अब इस आतंकवादी संगठन और प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के रिश्तों का खुलासा करने में जुट गयी है.
इसके लिए सिमी के ‘‘महासचिव’’ रहे और 2008 में गुजरात में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के कथित सरगना सफदर नागौरी को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने अपनी हिरासत में लिया है.उसे अगले कुछ दिनों में राष्ट्रीय राजधानी लाया जाएगा. वह 2008 से साबरमती केंद्रीय जेल में बंद है. सिमी के एक अन्य शीर्ष पदाधिकारी और मध्यप्रदेश में संगठन का कथित प्रमुख अबू फैसल पहले ही विशेष प्रकोष्ठ द्वारा भोपाल से दिल्ली लाया जा चुका है.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, हाल ही में गिरफ्तार किए गए इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के शीर्ष सदस्यों जिआ उर रहमान उर्फ वकास और महसीन अख्तर उर्फ मोनू द्वारा किए गए खुलासों के आधार पर विशेष प्रकोष्ठ दोनों से पूछताछ करना चाहती है. यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद आईएम का प्रमुख बना अख्तर आईएम और सिमी के बीच का मुख्य संपर्क सूत्र था.
पूछताछ के दौरान अख्तर ने अधिकारियों को बताया कि पिछले वर्ष अक्तूबर में नरेन्द्र मोदी की रैली में पटना में हुए विस्फोट पूरी तरह से सिमी द्वारा किए गए थे और आईएम का सीधे तौर पर उसके साथ कोई लेना देना नहीं था.उसने पूछताछ के दौरान सिमी के रांची धडे के प्रमुख सदस्य हैदर के साथ अपने संबंधों का भी खुलासा किया था और कहा जाता है कि पटना विस्फोटों के पीछे उसका का दिमाग था. खुफिया एजेंसियां हैदर को ‘ब्लैक ब्यूटी’ के नाम से जानती हैं.
जांच से करीब से जुडे एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हम जानना चाहते हैं कि आईएम और सिमी के बीच सहयोग का स्तर क्या था और इसके लिए नागौरी और फैसल से पूछताछ की जाएगी.’’इन दोनों से सिमी के कथित प्रमुख अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर और हैदर के संभावित ठिकानों के बारे में भी पूछताछ की जाएगी.‘डॉक्टर’ के नाम से जाना जाने वाला फैसल कभी बीएचएमएस का छात्र था. मोनू ने उसे वकास से मिलवाया था. ऐसा माना जाता है कि केरल के मुन्नार में वकास के छुपे रहने के दौरान फैसल ने उसे वित्तीय सहायता मुहैया करायी थी.
फैसल को पहले ही दिल्ली लाया जा चुका है और माना जा रहा है कि उसने पूछताछ करने वाले अधिकारियों को बताया है कि 2003 में सिमी दो धडों.. उदारवादी और कट्टरपंथी में बंट गया था. वह स्वयं कट्टरपंथी धडे से जुडा हुआ है जो हिंसा और निशाना बनाकर हत्या करने में यकीन रखते हैं.
अधिकारी ने बताया, ‘‘उसका कहना है कि आईएम पाकिस्तान की (खुफिया एजेंसी) आईएसआई का बनाया हुआ है. वह आईएसआई को सबसे बडे शत्रुओं में से एक मानता है क्योंकि वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान में नाटो बल के साथ मिलकर बडी संख्या में ‘मुजाहिद्दीनों’ की हत्या करने के लिए जिम्मेदार है.’’ उन्होंने बताया, ‘‘उसका दावा है कि सिमी अब लगभग अस्तित्व विहिन है लेकिन हम उसकी बातों को पूरी तरह से मान नहीं सकते क्योंकि हम जानते हैं कि हैदर और तौकीर अभी भी सक्रिय हैं.’’
फैसल को सिमी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर मध्यप्रदेश के आतंकवाद-निरोधी दल के कर्मियों की हत्या करने और विभिन्न डकैतियों के मामले में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन पिछले वर्ष दो अक्तूबर को वह छह अन्य लोगों के साथ खंडवा जेल से फरार हो गया था. बाद में मध्यप्रदेश के आतंकवाद-निरोधी दल ने राज्य के बरवानी जिले से उसे दोबारा गिरफ्तार कर लिया. गुजरात में जुलाई 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों से कुछ ही महीने पहले इंदौर पुलिस ने सफदर नागौरी को गिरफ्तार किया था.
जांच के दौरान उसका नाम आने पर गुजरात पुलिस ने मध्यप्रदेश से उसे हिरासत में लिया और साबरमती जेल में बंद कर दिया. नागौरी की गिरफ्तारी से कुछ ही मिनट पहले तौकीर वहां से गया था और वह अभी भी फरार चल रहा है.