लखनऊ: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने लोकसभा चुनाव में परिवर्तन की कथित लहर को सुनियोजित दुष्प्रचार करार दिया है.
आजाद ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने वर्ष 1977 के लोकसभा चुनाव से पहले (आपातकाल में) जिस तरह जबरन नसबंदी का दुष्प्रचार किया था. इसी तरह इस बार संप्रग सरकार को नाकाम करार देकर झूठा दुष्प्रचार किया गया है.’’ यह बात उन्होंने यह पूछे जाने पर कही कि इस चुनाव में क्या उन्हें 1977 जैसी कोई लहर दिखायी पडती है, जब :आपात काल के बाद: कांग्रेस उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सारी सीटें हार गयी थी.
आजाद ने कहा, ‘1977 में एक संगठन (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) ने बडी संख्या में मुसलमानों की जबरन नसबंदी करा दिये जाने का दुष्प्रचार किया था, जिसके कारण मुस्लिम मतदाताओं ने भ्रमित होकर कांग्रेस के खिलाफ वोट कर दिया था.’’ यह कहते हुए कि जबरन नसबंदी का प्रचार बाद में झूठा साबित हुआ, उन्होंने कहा, ‘‘1977 के दुष्प्रचार की तरह इस बार भी दुष्प्रचार हुआ हैं और इस बार दुष्प्रचार यह है कि दस साल की संप्रग राज में कोई काम ही नहीं हुआ और जनता परिवर्तन चाहती है.’’
इस दावे के साथ कि दुनिया भर में मंदी के बावजूद संप्रग के दस साल के शासनकाल में जितना काम हुआ, पहले कभी नहीं हुआ, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘हर क्षेत्र में जबर्दस्त विकास हुआ. मगर क्या करें इलेक्ट्रानिक मीडिया विवादास्पद घटनाओं के अलावा कोई खबर दिखाता ही नहीं, अब ऐसा इलेक्ट्रानिक मीडिया कहां से लायें जो विकास की खबरें भी दिखाये.’’ आजाद ने अपने दावे के समर्थन में देश में उनके मंत्रलय की तरफ से चलायी जा रही तमाम योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा दिया और कहा कि प्रदेश में 108 और 102 नम्बर वाली जिस ‘समाजवादी एम्बुलेंस सेवा’ की बडी चर्चा है. वह वास्तव में राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा है.