नयी दिल्ली : छह साल से चल रही पितृत्व संबंधी कानूनी लडाई पर विराम लगाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज फैसला दिया कि नारायण दत्त तिवारी 32 वर्षीय रोहित शेखर के जैविक पिता हैं, इसके साथ ही अदालत ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता को सार्वजनिक रुप से रोहित को अपना पुत्र मानने से इनकार नहीं करने को भी कहा.
न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला ने डीएनए परीक्षण और इस साल तीन मार्च को हुए एक संवाददाता सम्मेलन पर आधारित खबरों पर विचार किया. डीएनए परीक्षण के नतीजे में 89 वर्षीय तिवारी को रोहित का जैविक पिता बताया गया था. संवाददाता सम्मेलन में तिवारी ने स्वीकार किया था कि रोहित उनके पुत्र हैं.
न्यायमूर्ति एंडला ने कहा कि अदालत वादी को प्रतिवादी एक (तिवारी) और दो (उज्ज्वला शर्मा) का जैविक पुत्र होने के संबंध में आदेश जारी करती है. अदालत ने कहा कि रोहित और उज्ज्वला के वकील द्वारा सूचित किए जाने के बाद भी तिवारी के वकील बहर.उ.बरकी अदालत में पेश नहीं हुए. इससे यह प्रतीत होता है कि वादी रोहित द्वारा किए गए राहत संबंधी दावों का विरोध करने में तिवारी की दिलचस्पी नहीं है.
अदालत ने तिवारी को सार्वजनिक रुप से रोहित को अपना पुत्र मानने से इनकार नहीं करने का आदेश भी दिया. आदेश सुनाए जाने के बाद रोहित ने कहा, ‘‘ मैं दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए आदेश की प्रशंसा करता हूं. देश भर की अदालतों में इसकी गूंज सुनाई पडेगी. हमारे लिए यह महत्वपूर्ण दिन है.’’