मुंबई : राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को लगता है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के हाथों में अधिकारों का केंद्रीकरण होना भारतीय लोकतंत्र के लिए गलत संकेत है.
मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे पर भी पवार को गहरी आपत्ति होती है और उनके इस पूर्वानुमान पर भी कि लोकसभा चुनाव नेहरु गांधी परिवार का वंशवाद समाप्त करेंगे. साक्षात्कार में पवार ने कहा आडवाणी भाजपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व अध्यक्ष हैं. वह भोपाल सीट से चुनाव लडना चाहते थे लेकिन उन्हें इच्छा न होते हुए भी गांधीनगर वापस जाना पड़ा। मुरली मनोहर जोशी भी भाजपा के पूर्व अध्यक्ष हैं और वह अपनी पुरानी सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। पर उन्हें भी सीट बदलनी पडी.
वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह अच्छे वित्त मंत्री और सांसद रह चुके हैं. मोदी ने उन्हें दूर रखने का फैसला किया और उन्हें दूर जाना पड़ा। अब वह निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा यह कहते हुए मुझे बहुत दुख हो रहा है कि मोदी पार्टी को अपने नियंत्रण में रखना चाहते हैं. बेशक, यह उनकी पार्टी है और मैं कुछ नहीं कह सकता लेकिन अधिकारों का केंद्रीकरण हमेशा ही गलत होता है और इसका असर आम आदमी पर पडता है.