नयी दिल्ली : ‘मोदी लहर’ के प्रचार को भाजपा का ‘अहंकार’ बताते हुए केंद्रीय मंत्री एवं दक्षिण मुम्बई से कांग्रेस प्रत्याशी मिलिंद देवडा ने आज दावा किया इस साल के अंत तक होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना से भाजपा का गठबंधन टूट जायेगा.
शिवसेना और मनसे को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए मिलिंद ने कहा कि भाजपा की असली सहयोगी हिन्दी भाषियों के खिलाफ अभियान चलाने वाली पार्टी मनसे है जबकि उसी क्षेत्र (उत्तरप्रदेश और बिहार) से भाजपा, नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए सबसे अधिक सीट मिलने का दावा कर रही है.
राजग में शामिल नहीं होने के बावजूद मनसे द्वारा भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं खडा करने के बारे में पूछे जाने पर मिलिंद ने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी मनसे का समर्थन कर रहे हैं और उनका समर्थन चाहते हैं. शिवसेना मोदी का समर्थन नहीं करती और उनकी तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए सुषमा का नाम लिया गया था. भाजपा की असली सहयोगी मनसे है. शिवसेना से भाजपा का गठबंधन कुछ महीने बाद महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले टूट जायेगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुङो लगता है कि भाजपा का मनसे से गठबंधन होगा. यह हाल के घटनाक्रम से स्पष्ट भी है.’’ मिलिंद ने कहा, ‘‘हिन्दी भाषियों, गुजरात एवं दक्षिण भारत के लोगों के खिलाफ समय समय पर अभियान चलाने वाली शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की बांटने की राजनीति को लोग भली-भांति समझ गए हैं और मुङो नहीं लगता कि लोग इन्हें वोट देंगे.’’ देश में मोदी लहर होने के भाजपा के दावे के बारे में पूछे जाने पर मिलिंद देवडा ने कहा, ‘‘मैं नहीं कह सकता कि देश में ऐसी कोई लहर है. ऐसा कहना घमंड और अहंकार है.’’
मिलिंद देवडा ने कहा, ‘‘कोई भी पक्ष जो ऐसी बात करता है, वह जनता का अपमान करता है. साल 2004 में भी हमने ऐसी तथाकथित लहर की बात सुनी थी, 2009 के चुनाव में भी ऐसा ही दावा किया गया था. लेकिन चुनाव परिणाम क्या आए, यह हम सब के सामने है.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी को कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाये जाने से पार्टी की संभावना प्रभावित हुई है, मिलिंद ने कहा, ‘‘ ऐसी कोई बात नहीं है.
हमारी ऐसी परंपरा नहीं है. 2009 में चूंकि हम सत्ता में थे और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. इसलिए ऐसा किया गया था. हमारे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था है. ऐसे में चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना संवैधानिक रुप से सही नहीं है.’’ मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रुप में पेश किए जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मान लीजिए कि अगर भाजपा कुछ बेहतर प्रदर्शन करती भी है लेकिन उसके सहयोगी दल आडवाणी जी का समर्थन करते हैं तब इन वादों का क्या होगा ?
यह पूछे जाने पर कि वह महाराष्ट्र में शिवसेना और मनसे में किसे बडा खतरा मानते हैं, केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘पिछली बार मनसे ने अभूतपूर्व रुप से अच्छा प्रदर्शन किया था. तब हमें उनके बारे में पता नहीं था. इस बार हमने उन पर नजर रखी है और उनके मुकाबले कारगर रणनीति बनाई है. मनसे की उपस्थिति है लेकिन लोग ऐसी बांटने वाली पार्टी को स्वीकार नहीं करेंगे.’’ यह पूछे जाने पर कि मनसे और शिवसेना के मुकाबले में होने से क्या पारंपरिक मराठी वोटों का विभाजन होगा, उन्होंने कहा, ‘‘2009 में परिसीमन के बाद मेरे क्षेत्र में दो तिहाई नये इलाके जुडे थे. पिछले पांच सालों में हमने इन क्षेत्रों में काम किया है.
हमें पूरा विश्वास है कि लोग मेरे काम को देखेंगे.’’ आप उम्मीदवार मीरा सान्याल की चुनौती के बारे में पूछे जाने पर मिलिंद देवडा ने कहा, ‘‘दक्षिण मुम्बई में 19 उम्मीदवार है. उनमें शिवसेना, मनसे, आप आदि शामिल हैं. कुछ लोग जीतने के लिए चुनाव लडते हैं, कुछ हारने और कुछ प्रोफाइल बढाने के लिए. मैं सभी को गंभीरता से लेता हूं.’’