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भैया दूज के दिन इस खास वक्त पर भार्इ को तिलक लगाना होगा ज्यादा शुभ

नयी दिल्लीः आज दिवाली है. दीपों का त्योहार दिवाली. आज के ठीक दो दिन बाद यानी 21 अक्टूबर को भैया दूज है. रक्षाबंधन की तरह भाई दूज भी भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है. इस दिन बहन व्रत रखकर दूज की पूजा कर भाई की लंबी उम्र की कामना करती है. भाई दूज […]

नयी दिल्लीः आज दिवाली है. दीपों का त्योहार दिवाली. आज के ठीक दो दिन बाद यानी 21 अक्टूबर को भैया दूज है. रक्षाबंधन की तरह भाई दूज भी भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है. इस दिन बहन व्रत रखकर दूज की पूजा कर भाई की लंबी उम्र की कामना करती है. भाई दूज को भाऊ बीज, भातृ द्वितीया या यम द्वितीया के रूप में भी जाना जाता है.

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शास्त्रों के अनुसार, इस दिन धरती पर जन्म लेने वाले प्राणियों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाले तथा कायस्थ समाज के भगवान चित्रगुप्त जी का जन्मदिन भी मनाया जाता है. कायस्थ परिवार के सदस्य एक साथ बैठकर भगवान चित्रगुप्त के चित्र को रखकर कलम-दवात की पूजा करेंगे तथा भगवान चित्रगुप्त के समक्ष अपना-अपना लेखा-जोखा अर्पित किया जायेगा.

इस बार भाइयों को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त सुबह 7.30 से 9 बजे और 12 से 4.30 बजे तक का है. कहा जाता है कि एक बार यमराज के पास उनकी बहन यमुना का संदेश आया, तो यमराज सब कुछ छोड़कर उनसे मिलने पहुंच गये. इस तरह से यम द्वितीया का त्योहार शुरू हुआ. भविष्योत्तर पुराण में यम द्वितीया यानी भैया दूज मनाने का यही कारण बताया गया है.

भविष्योत्तर पुराण के अनुसार, भगवान यमराज अपनी बहन यमुना के घर पहुंचे, तो यमुना ने उनकी पूजा करके अपने हाथ से उन्हें भोजन खिलाया. भोजन के पश्चात संध्या के समय तक यमराज यमुना के घर में रहे. माना जाता है कि हर वर्ष यमराज यमद्वितीया यानी कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमुना के घर आते हैं.

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